‘साहित्योदय कलम सारथी` सम्मान दिया सभी को………….
मधुपुर(झारखंड) |
`कोरोना` से बचाव को लेकर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य-कला संगम `साहित्योदय` की अनूठी पहल के तहत ऑनलाइन कवि सम्मेलन का रिकार्ड बना है,जिसमें देश-विदेश के साढ़े ४५० से अधिक कवियों ने सिर्फ `कोरोना` पर लगातार ९ दिन तक काव्यपाठ किया। ५ अप्रैल को सम्मान समारोह आयोजित करके सभी प्रतिभागियों को `साहित्योदय कलम सारथी` सम्मान से सम्मानित किया गया।
वैश्विक आपदा कोरोना को लेकर जब पूरे देश में कर्फ़्यू लगा हुआ है,तब साहित्योदय द्वारा अनूठी पहल की गयी है। साहित्योदय के व्हाट्सएप और फेसबुक मंच पर लगातार ९ दिन तक ऑनलाइन कवि सम्मेलन चलता रहा,जिसका पहला चरण १ अप्रैल को सम्पन्न हो गया। ५ अप्रैल की रात करीब ३ घण्टे तक चले सम्मान समारोह में सभी प्रतिभागियों को ‘साहित्योदय कलम सारथी’ सम्मान दिया गया। इस मौके पर ‘हर चेहरे पर उम्मीद जगायें,आओ मिलकर दीप जलायें’ विषयक विशेष काव्य पाठ भी हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात कवियित्री अनुपमा नाथ, प्रख्यात कहानीकार अनिता रश्मि,पूर्व जिला न्यायाधीश डॉ. मीना भट्ट,सेवानिवृत्त अधिकारी प्रमिला श्री तिवारी,वरिष्ठ साहित्यकार उदयशंकर उपाध्याय एवं वरिष्ठ उद्घोषक सुनील सिंह बादल और वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानवर्धन मिश्र ने भी प्रतिभागियों को सम्मानित किया।
साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बताया कि,कवि सम्मेलन में भारत और नेपाल के साढ़े चार सौ से अधिक कवि-कवियित्रियों ने कोरोना से बचाव के लिए कविताओं का सृजन कर काव्यपाठ किया । २४ मार्च से १ अप्रैल तक लगातार चले सम्मेलन में हर दिन ३० से ४० रचनाकारों ने काव्यपाठ किया। इसमें कोरोना की रोकथाम,बचाव के उपाय,कोरोना योद्धाओं के लिए धन्यवाद और पीड़ितों के लिए हौंसला बढ़ाने वाली एक से बढ़कर एक रचनाएँ आयी।
रोजाना अंत में कवि पंकज प्रियम धन्यवाद ज्ञापन के जरिये एक नई कविता और सन्देश देते रहे,जिसे लोगों ने काफी प्रेरक बताया। कवि सम्मेलन को सफल बनाने में सचिव अनिता सिध्दि,प्रबन्ध निदेश संजय करुणेश, मार्गदर्शक जयप्रकाश ओझा,उदयशंकर उपाध्याय एवं सञ्चालक गीता चौबे, अनामिका गुप्ता और राजेश पाठक सहित पूरा दल जुटा रहा है।
काव्य पाठ में शामिल रचनाकारों में पुष्पा सहाय,संगीता,रुणा रश्मि,प्रमिला श्री,डॉ. मीना परिहार,डॉ. अर्चना,अनिता रश्मि सहित सैकड़ों लोग रहे।