विजया ठाकुर
रायपुर (छत्तीसगढ़)
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काव्य संग्रह हम और तुम से
दिल के दर पर दस्तक देकर,
किया प्रेम-इजहार,
तुमसे मिलकर हुआ जोगिया,
गीतों का संसार।
प्रेमग्रंथ के हर पन्ने पर,
प्रियतम का ही नाम लिखूँ।
तुमसे मिलकर भोर सुहानी,
सिन्दूरी हर शाम लिखूँ।
भाव समर्पित छंद-छंद में,
मुखरशब्द-श्रृंगार,
तुमसे मिलकर हुआ जोगिया,
गीतों का संसार…॥
खुशियों का इकतारा लेकर,
अनुरागी मन दीवानी,
थिरक उठीं दिल की बस्ती में,
ऋतुएँ सारी मस्तानी।
प्रीत डोर से बाँध लिया जब,
हर बंधन स्वीकार,
तुमसे मिलकर हुआ…॥
मदमाती है मधुर यामिनी,
तेरे संग महक जाऊँ,
साँसों की महकी सरगम में,
गीत मिलन के दुहराऊँ।
नख से शिख तक सजी साँवरे,
पायल की झंकार,
तुमसे मिलकर हुआ जोगिया,
गीतों का संसार…॥