अख्तर अली शाह `अनन्त`
नीमच (मध्यप्रदेश)
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लंबे समय की तालाबंदी,
कभी नहीं हितकारी लोगों।
हो समाज या देश सभी को,
पड़ जाती है भारी लोगों॥
इसीलिए अब बना योजना,
कारोबार बढ़ाएंगे हम।
पेट भराई सबकी ही हो,
एसे कदम उठाएंगे हम॥
जीवन पटरी पर लाना है,
पर धीरे-धीरे ये होगा।
कता कताया फिर कपास हो,
जाएगा वरना जो भोगा॥
इस हेतु अब क्षेत्र हमारे,
तीन झोन में दर्शित होंगे।
हरा लाल पीला तीनों ही,
तीन तरह से शासित होंगे॥
रेड झोन में छूट न होगी,
रहेगी सख्ती कायम आगे।
‘कोरोना’ की बीमारी से,
नहीं दुखित हों यहाँ अभागे॥
यलो झोन में कम सख्ती से,
लोगों से निपटा जाएगा।
आधा खुला बंद आधा ही,
कारोबार नजर आएगा॥
कहे सुरक्षित जाएंगे वे,
क्षेत्र ग्रीन झोन में आएं।
नहीं वहां पर बंद रहेगा,
सब अपनी आजादी पाएं॥
रेल बसों की सेवा में पर,
लापरवाही नहीं चलेगी।
बड़ी सतर्कता साफ-सफाई,
होगी तो हालत संभलेगी॥
‘सामाजिक दूरी’ को फिर भी,
जीवन में अपनाना होगा।
बिना वजह बाहर जाने पर,
अंकुश सदा लगाना होगा॥
अभिवादन में हाथ जोड़ लें ,
कभी न तन से तन टकराएं।
शक्ति ‘अनन्त’ बढ़ा लें तन की,
रोज तभी त्यौहार मनाएं॥