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हिंदी से भाई प्यार करो

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी
कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)

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हिंदी की बिंदी से भाई भारत का तुम श्रृंगार करो,
दुनिया में यह रौशन होगी,घर में पहले स्वीकार करो।

तेरी माँ की यह भाषा है,क्या तुमको इसका ज्ञान नहीं ?
तुम पढ़ो-लिखो कुछ भी लेकिन करना इसका अपमान नहीं।
तुम हिंदी में हो पले-बढ़े,हिंदी से भाई प्यार करो-
दुनिया में यह रौशन होगी,घर में पहले स्वीकार करो॥

अभियंता और चिकित्सक का आधार जरूरी लगता है,
अब हिंदी में ही शिक्षा का विस्तार जरूरी लगता है।
न्यायालय में हिंदी पर ऐ भारतवासी उपकार करो-
दुनिया में यह रौशन होगी,घर में पहले स्वीकार करो॥

कितने ही रचनाकारों ने आजीवन कलम चलाई है,
तब जाकर अब हिंदी पर यह आई थोड़ी तरुणाई है।

हम सबने जोर लगाया है,तुम भी थोड़ा विस्तार करो-
दुनिया में यह रौशन होगी,घर में पहले स्वीकार करो॥

परिचय-वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। इनकी जन्म तारीख २० अप्रैल १९८० एवं जन्म स्थान ग्राम महेशपुर,कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)है। वर्तमान में भी कुशीनगर में ही हैं,और स्थाई पता यही है। स्नातक तक शिक्षित श्री कुशवाहा क़ा कार्यक्षेत्र-शिक्षण(शिक्षक)है। आप सामाजिक गतिविधि में कवि सम्मेलन के माध्यम से सामाजिक बुराईयों पर प्रहार करते हैं। आपकी लेखन विधा-काव्य सहित सभी विधाएं है। किताब-‘सब रोटी का खेल’ आ चुकी है। साथ ही विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आपको गीतिका श्री (सुलतानपुर),साहित्य रत्न(कुशीनगर) शिल्प शिरोमणी सम्मान(गाजीपुर)प्राप्त हुआ है। विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी से काव्यपाठ करना है। आकाश महेशपुरी की लेखनी का उद्देश्य-रुचि है।

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