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ऐ ख़ुदा

ऋचा सिन्हा
नवी मुंबई(महाराष्ट्र)
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बड़ी रौनक़ है तेरे आशियाने में ऐ ख़ुदा,
कहीं सूरज कहीं चाँद तो कहीं सितारे हैं।
गुंजायमान है तेरा बगीचा ऐ मेरे ख़ुदा,
पंछियों का कलरव,कहीं भँवरे गुनगुनाते हैं।
बड़ा सुनहरा है तेरा आँगन ऐ ख़ुदा,
दूरदूर तक फैला सुनहरी रेगिस्तान है।
बड़ा ख़ूबसूरत है तेरा आसमान ऐ खुदा,
कहीं इंद्रधनुष तो कहीं टूटता सितारा है।
बड़ा रंग-रंगीला है तेरा दामन ऐ ख़ुदा,
कहीं हरियाली तो कहीं रंग-बिरंगे फूल हैं।
बड़ा शीतल है तेरा उद्यान ऐ मेरे ख़ुदा,
कहीं सागर तो कहीं बलखाती नदिया है।
बड़ा बुलंद है तेरा जहान ऐ मेरे ख़ुदा,
दूर-दूर तक फैली पर्वत श्रृंखलाएँ॥

परिचय – ऋचा सिन्हा का जन्म १३ अगस्त को उत्तर प्रदेश के कैसर गंज (जिला बहराइच) में हुआ है। आपका बसेरा वर्तमान में नवी मुम्बई के सानपाड़ा में है। बचपन से ही हिंदी और अंग्रेजी साहित्य में रुचि रखने वाली ऋचा सिन्हा ने स्नातकोत्तर और बी.एड. किया है। घर में बचपन से ही साहित्यिक वातावरण पाने वाली ऋचा सिन्हा को लिखने,पढ़ने सहित गाने,नाचने का भी शौक है। आप सामाजिक जनसंचार माध्यमों पर भी सक्रिय हैं। मुम्बई (महाराष्ट्र)स्थित विद्यालय में अंग्रेज़ी की अध्यापिका होकर भी हिंदी इनके दिल में बसती है,उसी में लिखती हैं। इनकी रचनाएँ विभिन्न पत्रिकाओं में छप चुकीं हैं,तो साझा संग्रह में भी अवसर मिला है।

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