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हमारा कर्त्तव्य सबसे बड़ी ताकत

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’
ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर)

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हमारा कर्त्तव्य जहां एक ओर हमारी सबसे बड़ी ताकत होता है,वहीं वह हमारे कष्टों का कारण बनता है। राष्ट्रीय कर्त्तव्यपूर्ति हेतु अनेक वीर महापुरुष अपने प्राणों की आहुति देकर अद्वितीय उदाहरण बने। जैसे राणा प्रताप सिंह सिंह,रानी लक्ष्मीबाई, भगतसिंह ने अपने शत्रुओं से लोहा मनवाया और वीर गति प्राप्त की थी। इनके नाम सिमरन मात्र से मानवों का मस्तिष्क श्रद्धा से झुक जाता है।
ऐसे ही एक पूज्यनीय महापुरुष गुरू गोविंद सिंह जी हैं,जिन्होंने ने देश और मानवीय कर्त्तव्यों के लिए पहले अपने पिताश्री को और बाद में अपने चारों साहबजादों को बलिदान करने के बाद स्वयं बलिदान हुए। उनके जैसे कर्त्तव्यपालन का विश्व स्तर पर दूसरा कोई उदाहरण नहीं है, जिनके बलिदान पर पूरी मानवता श्रद्धा से नतमस्तक हो जाती है।
उन कर्तव्यपरायण बलिदानियों को शत-शत दंडवत प्रणाम है,जिन्होंने आगामी पीढ़ियों की राष्ट्रीय प्रेरणा बनकर उस मानवीय शारीरिक सशक्त ऊर्जा का प्रर्दशन किया कि,शत्रुओं की भी रूह कांप गई।

परिचय–इंदु भूषण बाली का साहित्यिक उपनाम `परवाज़ मनावरी`हैL इनकी जन्म तारीख २० सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-मनावर(वर्तमान पाकिस्तान में)हैL वर्तमान और स्थाई निवास तहसील ज्यौड़ियां,जिला-जम्मू(जम्मू कश्मीर)हैL राज्य जम्मू-कश्मीर के श्री बाली की शिक्षा-पी.यू.सी. और शिरोमणि हैL कार्यक्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों से लड़ना व आलोचना है,हालाँकि एसएसबी विभाग से सेवानिवृत्त हैंL सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप पत्रकार,समाजसेवक, लेखक एवं भारत के राष्ट्रपति पद के पूर्व प्रत्याशी रहे हैंL आपकी लेखन विधा-लघुकथा,ग़ज़ल,लेख,व्यंग्य और आलोचना इत्यादि हैL प्रकाशन में आपके खाते में ७ पुस्तकें(व्हेयर इज कांस्टिट्यूशन ? लॉ एन्ड जस्टिस ?(अंग्रेजी),कड़वे सच,मुझे न्याय दो(हिंदी) तथा डोगरी में फिट्’टे मुँह तुंदा आदि)हैंL कई अख़बारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंL लेखन के लिए कुछ सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैंL अपने जीवन में विशेष उपलब्धि-अनंत मानने वाले परवाज़ मनावरी की लेखनी का उद्देश्य-भ्रष्टाचार से मुक्ति हैL प्रेरणा पुंज-राष्ट्रभक्ति है तो विशेषज्ञता-संविधानिक संघर्ष एवं राष्ट्रप्रेम में जीवन समर्पित है।

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