गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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अचानक देश के अनेक भागों से ‘कोरोना’ संक्रमितों की संख्या में इजाफा देख केन्द्र के साथ राज्य सरकारें भी हरकत में आ गई हैं और कहीं रात का कर्फ्यू लगाया तो कहीं १४४ धारा यानि चेन तोड़ने की चेष्टा प्रारम्भ हो चुकी है,जबकि सभी जगह कोरोना टीकाकरण यथावत चालू है।
अब जब अन्वेषण करते हैं वापस संक्रमितों के सामने आने का,तब समझ में आता है कि जैसे ही सरकार ने ढील दी तो लोगों ने कोरोना के समय अपनाई सावधानियों को कुछ हद तक नजरअंदाज किया है-खासकर हाथों को संक्रमण मुक्त रखने में, जबकि हमें महामारी के प्रकोप से बचने में नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोते रहना भी बताया गया है। इसलिए हम अब हाथ साबुन से धोते रहें या स्वच्छ (सैनिटाईज) कर लें,इस पर विचार कीजिए।
महामारी के प्रकोप से बचने का सबसे प्रभावी तरीका विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथों को साफ करना बताया है,लेकिन कहीं साबुन और पानी उपलब्ध न हो तो हाथ प्रक्षालक (हैंड सैनिटाइजर) का इस्तेमाल कर लेते हैं। मुख्य बात यह है कि हाथ धोने से हम खुद को तो सुरक्षित करते ही हैं,साथ ही आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रख पाते हैं,लेकिन साबुन से हाथ धोने की इस प्रक्रिया के कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। जैसे-ज्यादा साबुन के इस्तेमाल से हाथ अधिक क्षारीय हो जाते हैं व त्वचा रूखी हो जाती है। यह भी ध्यान देना है कि ज्यादा गर्म पानी के उपयोग से भी बचना है,क्योंकि त्वचा की नमी को नुकसान होने की पूरी सम्भावना हो जाती है।
आजकल देखा गया है कि सभी हाथ स्वच्छक (प्रक्षालक) का बहुत ज्यादा उपयोग करने लगे हैं, जबकि इसके दुष्परिणाम भी हैं-जैसे-हाथ गंदे हैं तो यह जीवाणु को मारने में कम प्रभावशाली रहेगा, अथवा उन जीवाणु को भी मार देता है जो शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। यकृत,गुर्दे,फेफड़े तथा प्रजनन तंत्र को भी नुकसान पहुंचाते हैं। कुछ अनुसन्धान के अनुसार इसका ज्यादा प्रयोग बच्चों की प्रतिरोधकता को भी घटाता है। इसलिए, विशेषज्ञ की राय यही है कि हर बार हाथ धोने के बाद नारियल या बादाम के तेल को हाथ पर लगा लें और दस्तानों को पहन लें।
निष्कर्ष यही है कि संतुलित भोजन करें,क्योंकि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। कसरत, योग-प्राणायाम करें,ध्यान लगाएं,गहरी नींद लें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। साथ ही मुख पट्टी एवं सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अपने हाथों को भी संक्रमण मुक्त रखें। सारी सावधानी बरतते हुए जीवन का आनंद उठाते रहेंगे एवं जरूरी होगा,तभी घर से निकलेंगे तो इसमें बड़ा लाभ है। ध्यान रखें कि,आज की परिस्थितियों में स्वयं को पुन: अनुशासित करने की आवश्यकता है।