कभी-कभी आँसू

आरती जैनडूंगरपुर (राजस्थान)********************************************* रोना कमजोरी नहीं,भावुकता की निशानी हैमहफिल में झूठी़ हँसी,अकेले में आँसू की दीवानी हैl आँसू को हमेशा औरत,का मानते हैं गहनाथोड़े से आँसू बहा लो मर्द,मर्द हो तो जरूरी नहीं सहनाl अकेले में जब ना हँसी,ना कोई संगी होता है संगतब आँसू संगी के रूप में,वफा का दिखाते हैं रंगl आँसू की … Read more

नेता या अभिनेता!

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* छाया फिर आज, चुनावी माहौल है। बज रहा नेताओं की, अच्छाई का ढोल है। जनता जानती है, सब गोल-मोल है॥ मेरे देश के चुनाव, में कम है नेता। ज्यादा दिखते हैं, अब अभिनेता। चुनाव में जो वादों, की झूठी भीख है देता॥ झूठा लगता है अब, लोक का यह तंत्र। … Read more

हर विधा में परिपूर्ण है ‘काव्यांजलि’

आरती सिंह ‘प्रियदर्शिनी’ गोरखपुर(उत्तरप्रदेश) ***************************************************************************************** पुस्तक समीक्षा……………….. वर्तमान अंकुर प्रकाशन के अंतर्गत साझा काव्य संग्रह की श्रृंखला में ‘काव्यांजलि’ हर प्रकार की विधाओं से परिपूर्ण एक खूबसूरत संग्रह है। इस संग्रह का संपादन निर्मेश त्यागी ने किया है। १२ कवियों की रचनाओं से परिपूर्ण यह काव्य संग्रह पाठकों को आकर्षित करता है। हरियाणा के देशपाल … Read more

धरती

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष…………… धरा सुंदर कृति है, होना है इस पर सतीl धरा सुंदर रचना है, पेड़ जिसके सजना हैl कल-कल करती नदी बहती, तो कभी पत्थरों का भार सहतीl इस धरा पर ना कोई हो सीमा, एक प्रेम रूपी संगीत चले धीमाl धरा से बहता है जब … Read more