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कभी-कभी आँसू

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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रोना कमजोरी नहीं,
भावुकता की निशानी है
महफिल में झूठी़ हँसी,
अकेले में आँसू की दीवानी हैl

आँसू को हमेशा औरत,
का मानते हैं गहना
थोड़े से आँसू बहा लो मर्द,
मर्द हो तो जरूरी नहीं सहनाl

अकेले में जब ना हँसी,
ना कोई संगी होता है संग
तब आँसू संगी के रूप में,
वफा का दिखाते हैं रंगl

आँसू की जब एकांत,
वाली होती है यात्रा
उसमें दिखावट की नहीं,
प्रेम की होती है मात्राl

आँसू को भी मान,
लो प्यारा-सा शकुन
आँसू में छिपा है,
एक प्यारा जुनूनl

मजबूती के दिखावे,
में आँसू से मत रखना दूरी
संग रखकर देखो आँसू की,
दुनिया इतनी भी नहीं है बुरीl

जैसे सीखने के लिए,
जरूरी है कभी-कभी हारनाl
वैसे ही जरूरी है हँसने के लिए,
कभी-कभी आँसू बहानाll

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैl आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैl आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैl आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैl अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंl आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंl

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