अलविदा

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** सूनी-सूनी आँखें,जर्जर काया,एक छोटा-सा आश्रम जहां उनको जिन्दगी की आखिरी साँस लेनी है। ये उनकी भाग्य रेखा है। कादम्बिनी को अभी १० दिन पहले ही इस आश्रम की देखभाल के लिए नियुक्त किया है। कादम्बिनी भी एक मजबूर और बेसहारा युवती है। पति उसे छोड़कर एक धनवान का घर जंवाई बन गया।उसने … Read more

दादी की परी

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** आज दिल बहुत उदास था। तोषी के प्रसव का समय नजदीक आ रहा था। एक भय मन में समाया था कि सही तरीके से प्रसव निपट जाए। एक अजीब-सा डर मन में बैठ गया था। तोषी उसकी इकलौती बहू थी। जब उसको लेकर आई तब ही उसने कह दिया था,बेटा तुम मेरी … Read more

हम होंगे कामयाब

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… सुमि आज बच्चों की आपस की बातें कान लगा कर सुन रही थी। आज उसकी सासू जी का जन्म दिन था। जब एनसीआर में फ्लैट लेने का समय आया,तब उसके पति व दोनों ने एक ही टॉवर में फ्लैट लेने की योजना बना ली थी। सुमि और दोनों ननदों … Read more

कसक

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** शोभित मुस्कुराता हुआ अपने मोबाइल पर फटाफट उँगलियां दौड़ा रहा था! उसकी पत्नी नीरजा बहुत देर से उसके पास बैठी खामोशी से देख रही थी,जो उसकी रोज़ की आदत हो गई थी और जब भी कोई बात शोभित से करती तो जवाब ‘हाँ’-‘हूँ’ में ही होता या नपे-तुले शब्दों में!“किससे चैटिंग कर … Read more

एक और प्रिया का अंत

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** नीना ने जैसे ही सुबह का समाचार-पत्र हाथ में लिया,सबसे पहले दुखद समाचार पर नजर पड़ी।आज फिर एक परी का बलात्कार…वह बिलकुल मरणासन्न अवस्था में हो गई।वह फिर बीते दुखी दिनों की याद में खो गई। भूलने पर भी अपने कलेजे के टुकड़े के साथ हुई घटना को नहीं भूल पाती। मेरी … Read more

खूबसूरत अहसास

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** लोग कहते हैं दिल धड़कता है,अगर कुछ शब्द प्यार के लिखूंतो उंगलियां फड़कती हैं,बहुत दूर चली जाती हूँतेरे ख्वाबों के साथ,पर उन ख्वाबों केबिखरने से भी डरती हूँ।गुजरते वक्त के हर पल को,सहेजती हूँ ना जानेकौन-सा लम्हा मुझे,उदास कर जाए।ख्वाहिश है,जिन्दगी की बस इतनी-सीसाथ तुम्हारा हो,और जिन्दगी कभी खत्म ना हो…॥

किन्नर माँ

डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)************************************************ मन्नत बहुत देर से रो रही थी। सब उसको चुप कराने में लगे थे,पर उस की एक ही रट थी मेरे पापा कहां है ? सब बच्चों के पापा आते हैं। सुमी ने कभी उसे पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। यह वह बस्ती थी,जहां सब आन्टी थी कोई अंकल नहीं।मन्नत … Read more