अलविदा
डॉ.मधु आंधीवालअलीगढ़(उत्तर प्रदेश)**************************************** सूनी-सूनी आँखें,जर्जर काया,एक छोटा-सा आश्रम जहां उनको जिन्दगी की आखिरी साँस लेनी है। ये उनकी भाग्य रेखा है। कादम्बिनी को अभी १० दिन पहले ही इस आश्रम की देखभाल के लिए नियुक्त किया है। कादम्बिनी भी एक मजबूर और बेसहारा युवती है। पति उसे छोड़कर एक धनवान का घर जंवाई बन गया।उसने … Read more