गम सहती है,फिर भी हँसती है…

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** हर गम सहती है। फिर भी हँसती हैll चलना ही है जीवन, बस यही कहती है। हर हाल में वह, मुस्काती रहती हैll हर गम…

Comments Off on गम सहती है,फिर भी हँसती है…

देशभक्ति

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. मन में देशभक्ति की भावना रहे, दिल में देशहित की कामना रहे। शहीदों की कुर्बानी हमें याद रहे, उनके कर्मों…

Comments Off on देशभक्ति

संचय

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** संवादहीनता बढ़ रही है, बिखर रहे मानवीय मूल्य, करना होगा क्षमताओं का संचय, अनमोल है मानव मूल्य मुझे मानव ही रहने दो, जो मानवता के…

Comments Off on संचय

माँ और पुत्री

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** माँ पुत्री को देती पुस्तक पढ़-लिखकर बनो महान। अच्छी-अच्छी बातें सीख कर सच में बनना है इंसान। दुनिया की इस भीड़ में खो जाना न…

Comments Off on माँ और पुत्री

उपकार

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** उपकार आपका कैसे भूलें, ईश्वर आपका है आभार। मानव जीवन दिया मुझे, कर सकूँ किसी पर उपकार॥ उपकार आपका कैसे भूलें, माता आपका है आभार।…

Comments Off on उपकार

मोहर

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** अजीब-सी रीत है, हर काम करने के पहले लगवानी पड़ती है, तुम्हारी स्वीकृति की मोहर। तुम हाँ कहो, तभी कदम आगे बढ़े मेरे वरना कदम…

Comments Off on मोहर

अब चुप न रहो

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** खामोशी तोड़ दो, अब चुप न रहोl कोई नहीं समझेगा, दु:ख-दर्द यहाँ तेरा बात मान लो मेरी, अब जिद्द छोड़ दोl खामोशी तोड़ दो- अब…

Comments Off on अब चुप न रहो

आत्मनिर्भर

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** "उमा,कब तक दूसरों के बच्चों से खेलती रहोगी ? अब अपना भी सोचो।" पास खड़ी मिसेज शर्मा ने कहा। उमा बस-"जी चाची जी" ही कह…

Comments Off on आत्मनिर्भर

तुम भूल गए प्रियतम …

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** (धुन-इक प्यार का नगमा है...) एक तू ही तो अपना है, बाकी सब सपना है। तुम भूल गए प्रियतम, अब विरह में तपना है। रूठ…

Comments Off on तुम भूल गए प्रियतम …

प्रासाद

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** यात्रा के दौरान देखे कई प्रासाद, कुछ प्रासाद अपनी कहानी कहता हुआ प्रतीत हुए, तो कुछ की दीवारों में कैद कितने राज लगेl प्रासाद के…

Comments Off on प्रासाद