कैसे खेलूं फाग

अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’  भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ फाग आया,मचले मन उमंग, तन में सागर उमड़े,धड़कन हुई तरंग कैसे खेलूं फाग,जब तुम नहीं हो संग…l सपनों में सजते,अरमानों के रंग, कर लूं बातें प्यार की,तुझे लगा के अंग कैसे खेलूं फाग,जब तुम नहीं हो संग…l रंगों की बारिश में भीगूं,हो के मैं मगन, तेरी राह निहारें,मेरे दोऊ … Read more