जीवन में रंगों संग फगुनाई

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… शीत ऋतु के बाद,जब प्रकृति अंगड़ाई लेती है,तो बसंत के बहार के साथ,प्रकृति के सुंदर उद्गार के संग जन-जन में फागुनी खुमार भी चढ़ने लगता है। जहाँ वन में पलाश अपनी नारंगी आभा से चमकता फागुन के आगमन का संदेश देता है,वहीं पुष्प झूम-झूम … Read more

होली

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… कैसी होली…कैसा रंग…कैसा गुलाल…सरहद पर रंग गया…अपने ही लहू से किसी का लाल। ज़मीन-आसमान को…रंगों से रंगने की,नाकाम कोशिश में लगे लोग……कहीं लाल,कहीं हरा,कहीं नीला,कहीं गुलाबी और,कई जगह काला रंग भरने लगे लोग…।सड़कों पर,गलियों में…बेमक़सद,बेवजह,लाल रंग…बहाते हुए बेहया,बेशरम लोग…जानकर भी,अपनी पहचान छुपा रहे थे … Read more

ज़िंदगी की जंग

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* पतंग-सी हो गई है ज़िंदगी,जानती है,जब तक ऊँचाई हैबस तब तक वाहवाही है,पर उड़ने की चाह है इतनीकि कटने की परवाह नहीं…। हमारे बदलते लहजे से तो,नाराज़ होने लगते हैं लोगकभी नहीं सोचते,न जानते,कि हाल कैसा है हमारासमझना चाहते हीं नहीं लोग…। जीवन के हर एक मोड़ पर,ख़ुशियों की परवाह … Read more

सृष्टि सृजन ‘बेटी’

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* बेटियों का तो बस बहाना है,राजनीति अपनी चमकाना हैसियासत की कुर्सी पर बैठ,समझें अपने आपको श्रेष्ठइंसाफ़ की कितनी भी हो गुहार,जनता करती रहती पुकारकुछ भी सुनने में असक्षम राजा,कब तक होता रहेगा यूँ प्रहार ?? एक सुर में आवाज़ उठाना ही होगा,दोषियों को मिले कड़ी सज़ानिर्दोष को इंसाफ़ दिलाना ही … Read more

मैं

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* मैं क्या अस्तित्व समाहित,परमेश्वर सदा जो मन में। नहीं रुप ना कोई काया,यह है ब्रहमांड उपवन में। अजर-अमर सदा है माने,समझे मानुष ‘मैं’ है तन में। मैं का गर्व है जो भटकन,मैं को जो सदा मस्तिष्क में। फिर इसको समझे अहम,जो नहीं है वस्तु औ धन में। मैं अविनाशी है … Read more

हरी सब्जियाँ,फल खाओ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* सुन लो बच्चों एक कहानी।सेहत की है बात बतानी॥कैसे बनती सेहत जानो।खरी बात यह मेरी मानो॥ हरी सब्जियाँ ताकत देती।सुंदर इसकी करते खेती॥इसे भूमि पर सदा उगाते।बढ़ने पर हम सब हैं खाते॥ खनिज तत्व इसमें है सारा।सेहत से तन लगता न्यारा॥खूब विटामिन इससे पाओ।रोज सब्जियाँ घर पर खाओ॥ आलू गोभी और … Read more

सच में महादेव हो तुम

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* महाशिवरात्रि विशेष……. तुम शिव शंकर गौरी शंकर,प्रभु तुम पशुपति काशीनाथपूजत भक्त हैं तुम्हें दीनदयालु,तुम सबके आस-मान आधार। अद्भुत रूप कैलाश विराजत,भक्तन को प्रेम दया से तारतजटा में गंगा मैया हैं विराजत,गले सर्प मानो मनके का हार। देव दानव सभी प्रभु पूजत,सबके लिए दया सम भावगरल रख लिए कंठ में अपने,दया … Read more

सभी धुरी,माँ केन्द्र धरा की

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* सभी धुरी माँ केन्द्र धरा पर,नारी ही वरदान शान है।दिव्य किरण का तेज ओज वो,ईश्वर का अभिदान शान है॥ अनुपम निर्मल प्रेम धार से,करे सुरक्षा प्रेम सार है।कोख धरे नव जीव जन्म दे,अविरल बहती धरे प्यार है। सुरभित करती मानव जीवन,हृदय भाव का मधुर गान है।सभी धुरी माँ केन्द्र धरा पर,नारी … Read more

मातृभाषा संस्कृति का श्रृंगार

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस स्पर्धा विशेष…. विभिन्न भाषाएं बोली औ वेष,सजा है विश्व हर देश-प्रदेशजोडे़ अपनत्व संस्कृति भाषा,गौरव सदा बढ़ाए मातृभाषा। शिशु जन्म से ना जाने भाषा,पुचकारे हैं नानी दादी मातासीखे बचपन में पहली बोली,वही बन जाती है मातृभाषा। बोले पढे़ सीखे अक्षर ज्ञान,शारदे आशीष से हो संज्ञानवर्ण जाति धर्म से … Read more

बसंत एक उमंग

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* वसंत पंचमी स्पर्धा विशेष ….. प्रात: गुनगुनाती धूप में चाय की प्याली के संग जब मैंने दिवाकर को अपनी सुनहली किरणों के साथ धीमे-धीमे आकाश में ऊपर उठते देखा,एक अदभुत अनुभूति अंतरंग को जैसे छू सी गई। सुनो जी,मधुऋतु आ गई,कितना सुखद लग रहा है न। हाँ आ तो गई … Read more