मेरे स्वप्न का कश्मीर

असित वरण दासबिलासपुर(छत्तीसगढ़)*********************************************** यहाँ की वादियों में सुना है,प्रेमिकाओं की पायल की झंकार गूंज उठती हैअपरूप प्रकृति ही है,जो इंसान की प्रकृति बनकरकितने ही दिलों में धड़कती है। घाटी के…

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पृथ्वी हूँ मैं

असित वरण दास,बिलासपुर(छत्तीसगढ़)*********************************************** पृथ्वी हूँ मैं,मौन रहतीएक नीलेपन में,चंचल रहतीछलछल बहती शिशु नदी में।निःस्तब्ध देखती,पर्वत शिखर परसूर्यकिरणों का,निर्बाक उत्तरणअभिमानी वर्फ़ का,पिघलकर यूँ हीएक नदी में,अनायास रूपांतरण।देखती रहती,पर्वत शिखर से अग्नि…

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