जिंदगी
अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** ओस की इक बूँद-सी है जिंदगी मेरी, कभी फूल,कभी धूल कभी आग या हवा, सोख लेता सूर्य या बरसात में मिलना, है नहीं रक्षित कहीं मेरी जगह, मेरा वज़ूद। जिंदगी का चक्र, फिर भी ठेलता हुआ चल रहा हूँ देख सूरज, चाँद,तारों को अनगिनत राही, गये होंगे क्षितिज को लाँघकर … Read more