अब ‘मित्र’ शब्द की पवित्रता भूले

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* ‘मित्र’ वह जो विपत्ति में काम आए, अर्थात मुसीबत,कष्ट,आपदा,मुश्किल,संकट जैसे क्षणों मे सहभागी बने,सहयोग करे,वह मित्र कहलाता है। दूसरी ओर जो विपत्ति, मुसीबत,कष्ट,आपदा,संकट इत्यादि का कारण बने और असहयोग करे,वह शत्रु से भी धूर्त माना जाता हैl यूँ कहें कि जिसके ऐसे मित्र हों,उन्हें शत्रुओं की आवश्यकता … Read more

सुरक्षा-शान्ति-समृद्धि के लिए युद्ध आवश्यक

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* जी हाँ,समृद्धि शान्ति से ही सम्भव है और शान्ति के लिए युद्ध आवश्यक है,जिसका इतिहास ही नहीं बल्कि धार्मिक ग्रंथ भी साक्षी है। जैसे त्रेता युग में श्री राम जी शान्ति से अपना वनवास काटना चाहते थे,किन्तु १६कला सम्पन्न महापंडित राजा रावण माता सीता का हरण कर … Read more

समय कहाँं है

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** भूख मिटाऊँ समय कहाँं है। मंदिर जाऊँ समय कहाँं है॥ गीता पढ़ ली पाप हो गया, और कमाऊँ समय कहाँं है। सरपट भाग रहा है सत्य, उसे छुपाऊँ समय कहाँं है। असंख्य कहाँं हैं साँसें मेरी, व्यर्थ गवाऊँ समय कहाँ है। देशहित में जीवन समर्पित, रक्त बचाऊँ … Read more

इंसानियत है ही कहां ?

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** इंसानियत है ही कहां,जो शर्मसार हो, सचाई लुप्त होगी बिका कलमकार हो। आशा क्या करोगे लोकतंत्र से तुम सारे, जब चारों स्तम्भों में व्याप्त भ्रष्टाचार हो। घुटने सत्य ही टेक देगा एक दिन जहां, सत्य मेव ज्यते जैसी बेबस सरकार हो। यथार्थ मेरा झूठी गढ़ी कहानी बन … Read more

माँ

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ, एक शब्द नहीं… बल्कि, एक सुखद अनुभूति है। जिसका विश्व तो क्या, ब्रह्माण्ड में भी कोई विकल्प नहीं हैll परिचय-इंदु भूषण बाली का साहित्यिक उपनाम `परवाज़ मनावरी`हैl इनकी जन्म तारीख २० सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-मनावर(वर्तमान पाकिस्तान में)हैl वर्तमान और स्थाई निवास … Read more

दिन आ गये…..

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** भूले-बिसरे गीत गाने के दिन आ गयेl समस्त शक्ति दिखाने के दिन आ गयेl माँ बहुत चाहती थी अपनी ब्याही बेटी, अब माँ-बेटी मिलाने के दिन आ गयेl शत्रु बाहरी नहीं सब भीतर हैं घर मेरे, उन्हें सबक सिखाने के दिन आ गयेl शांति भंग करे जो … Read more

प्राण न्योछावर कर दे

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** थक चुका हूँं भारी प्रहार न कर। काट दे गर्दन तू इन्तजार न कर। मेरे अपने भी अपने ना हुए यहां, रणभूमि है प्रेम का इजहार न कर। रक्त बहता युद्धों में मालूम सबको, शत्रु छोड़कर व्यर्थ उद्धार न कर। बोलती बंद कर दे तिरंगा ऊंचा कर, … Read more

माँ का नूर हो जाओ

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** चलो हटो तुम मेरी नजरों से दूर हो जाओ। फिर औकात में रहो या मगरूर हो जाओ। मेरी हस्ती मिटाने वालों सोचो समझो जरा, मुझे मिटाने हेतु ना कहीं चूर-चूर हो जाओ। तुम्हारी यातनाओं की आग में बहुत जला, अब अमृत बनो या क्रूर से क्रूर हो … Read more

झूठे सपने हैं सब

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** कहने को अपने हैं सब। मगर झूठे सपने हैं सब। मन मंदिर है मेरा अपना, विरोधी घंटे बजने हैं सब। पापों का हो रहा है नाश, एक-एक कर घटने हैं सब। शत्रु तैयार खड़े हैं सामने, शब्द बान से कटने हैं सब। संगठित हो मगर जानता हूँं, … Read more

स्वार्थियों से जंग कब तक

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** मेरी डायरी से……भाग-१ मेरा जीवन शीशे की भांति साफ है। बचपन से ही जो मन में होता है,वही बाहर होता है। मैं दोगलापन न करता हूँ और न ही सहन करता हूँ। इसलिए दूसरों से बिल्कुल भिन्न हूँ। समाज में फैली कुरीतियों से अत्यंत दुखी हूँ। समाजसेवा,ईमानदारी … Read more