भोर तो होनी है…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* हार के बाद ही तो जीत की सौगात होगी,भोर तो होनी है कितनी ही लम्बी रात होगी। ज़हर उगलेंगी कब तक ये कातिल हवाएँ,फिज़ाओं में कभी तो खुशबू भरी बात होगी। देख कर उजड़ा बाग रोयेगा कब तक माली,कभी तो खिलेगी कली लबों पर मुस्कान होगी। भीगेंगी कब तक ये … Read more