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हे अटल शत-शत नमन…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष……….

धन्य हो गईं माँ भारती जब कोख में आए अटल,
राष्ट्र का वैभव जगा ये पावन धरा हो गई सबल
किसके पुण्य का प्रताप कमल खिला भाग्य का,
हो आज भी जब स्मरण ये नयन हो जाते सजल।
हे अटल शत-शत नमन,,शत-शत नमन हे अटल…

जिव्हा में माँ सरस्वती,वाणी में अद्भुत ओज था,
ह्रदय में जननी बसीं,मन में देशहित का सोच था।
संवेदना के प्रकाश पुंज शांति के अद्भुत मसीहा,
भाषा में कविता प्रवाहित जैसे बहे गंगा कल-कल।
हे अटल शत-शत नमन,शत-शत नमन हे अटल…॥

परिचय–डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ने एम.एस-सी. सहित डी.एस-सी. एवं पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की है। आपकी जन्म तारीख २५ अक्टूबर १९५८ है। अनेक वैज्ञानिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित डॉ. बाजपेयी का स्थाई बसेरा जबलपुर (मप्र) में बसेरा है। आपको हिंदी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। इनका कार्यक्षेत्र-शासकीय विज्ञान महाविद्यालय (जबलपुर) में नौकरी (प्राध्यापक) है। इनकी लेखन विधा-काव्य और आलेख है।

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