खीजा हुआ हूँ

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************** कोई न आना मनाने मुझे,समझानेबुझाने,बहलाने मुझेसोचा है थोड़ा एकांत रहूं,क्योंकि मैं खीजा हुआ हूँ। हर एक शय से खफा हूँ,है एक मेरी यही आरज़ूकोई ना करना मुझसे…

0 Comments