खुशियों की क्यारी दादी माँ
डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* हाथ में लाठी झुकी कमर, वट वृक्ष पर ढलती उम्र जीवन के अनुभव बनकर, जीना दिखलाती हँस कर झरती ममता का निर्झर, सच्चा पाठ जो पढ़ाती है। जीवन की संचित पूंजी-सी, अपनी बूढ़ी माँ दादी है॥ जीवन की कड़ी धूप में, बन जाती शीतल छाया छोटे-बड़े समान भाव से, … Read more