संगठन की शक्ति

दीपेश पालीवाल ‘गूगल’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** प्राचीन समय की बात हैl एक जंगल में शेर-शेरनी रहते थे,उनके २ छोटे-छोटे बच्चे थे। यह चारों बड़े ही प्रेम से अपना जीवन जंगल के अन्य जानवरों के संग हँसी-खुशी व्यतीत कर रहे थे। जंगल में खुशहाली का माहौल था। सभी जानवर बड़े ही मज़े से रह रहे थे।कुछ … Read more

न खून बहे,न कोई `जातिवाद` का पाप सहे..

दीपेश पालीवाल ‘गूगल’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** वो निम्न कुल की लड़की थी, मैं स्वर्ण जात का लड़का था। वो जय भीम की करती थी, मैं इंकलाब को गाता था। वो देख मुझे यूँ मुस्कुराती थी, मैं उसको देखकर हँसता था…l वो निम्न कुल… हौले-हौले फिर प्यार हुआ,धीरे से इजहार हुआ, जाति अलग थी दोनों की,झटपट … Read more

वो मिले कहीं तो कहना बात बेचता हूँ…

दीपेश पालीवाल ‘गूगल’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** घूम-घूम नगर-नगर अपनी हसीं रात बेचता हूँ, और वो मिले कहीं तो कहना,बात बेचता हूँ। अगर भुखमरी है देश में रहने दो,मुझे इन सबसे क्या, मैं तो घूम-घूम मन्दिर-मस्जिद अपनी जात बेचता हूँ। वो मिले कहीं तो कहना,बात बेचता हूँ… वो क्या सोचते हैं बारे में मेरे,मुझे इसकी परवाह … Read more