गाँव जाना है

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* लाचार पथिक सामने अनन्त दूरी है, जीऊँ कैसे,जीना भी तो मजबूरी है। वक्त की गर्दिशों की गहन धूल, अन्जान अजनबी-सा जीवन मूल। रोग क्या…

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हो गया अवसान

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* वैरागी सन्यासी को जो हर पल कहता है शैतान, वही चीरहरण करने बन के बैठा है भगवान। सत्ता में कुर्सी के लिए नोच लिया…

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संविधान के आँगन में गंदगी की बुहार

डाॅ.देवेन्द्र जोशी  उज्जैन(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** सुबह का भूला शाम घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते, पछताना उन्हें ही पडता है जो समय-धार संग नहीं बहते। गलती अगर हुई तो…

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अगस्त का मस्त महीना

डाॅ.देवेन्द्र जोशी  उज्जैन(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** अगस्त माह की बात निराली, चहुंओर छा जाती हरियाली। लेकर आता ये रक्षाबंधन त्योहार, हर्षित करता बहन-बेटी का प्यार। घर की रौनक जब घर में आती,…

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फौजी

देवेन्द्र कुमार ध्रुव गरियाबंद(छत्तीसगढ़ ) ************************************************************************** वतन परस्ती के जमाने में बनते हैं किस्से, देश पर मर मिटने वाले होते हैं फरिश्ते, वो मरकर भी,दुनिया में अमर हो जातेे हैं,…

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चाँद निकल आया है

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* देखो चाँद निकल आया है, मुंडेर से अपलक झांके सितारों का हार लिए, जूगनू की बिन्दी पहने बादलों का घूँघट किए, रजनी दुल्हन का…

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किससे पूछूँ ?

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* कौन तय करेगा लक्ष्य हमारे ? मैं,राजनीति हिन्दू,मुसलमान देश या धर्म, किससे पूछकर दीया जलाऊँ ? किससे पूछकर दीप जलाऊँ, कौन करुँ मैं कर्म…

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शत-शत नमन

डाॅ.देवेन्द्र जोशी  उज्जैन(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** शत-शत नमन है धरा की धूल को, जन्म दिया जिसने बलराम से फूल को। फूल जो मातृभूमि की भेंट चढ़ गया, देख दुश्मन को वो आगे…

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मैं नील गगन का वासी

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* मैं नील गगन का वासी, मैं सदा अभय हूँ बिन बाधा निर्भय हूँ, नहीं चाहिए कृपा किसी की नहीं दया का भाव, गुलामी से…

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कविता क्या है

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* नैतिकता की भटकी राह को सच्चा मार्ग दिखाती कविता, दर्द अश्क की गर्मी को हरपल शीतलता देती है कविताl इंसानों के आत्मज्ञान का दर्पण…

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