इतिहास का स्वर्णिम पृष्ठ है राष्ट्रमाता कस्तूरबा ग्रंथ

डाॅ. देवेन्द्र जोशी की पुस्तक का लोकार्पण हुआ लेखक संघ के समारोह में उज्जैन(मप्र)। कस्तूरबा के बिना महात्मा गांधी की कल्पना अधूरी है। मोहन को महात्मा बनाने में कस्तूरबा की अहम भूमिका है। कस्तूरबा गांधी सच्चे अर्थों में आजादी के आन्दोलन में महिला सशक्तिकरण की पर्याय थी। ‘राष्ट्रमाता कस्तूरबा’ ग्रंथ भारत के इतिहास का स्वर्णिम … Read more

काजल की कोठरी में उम्मीद की किरण

डाॅ.देवेन्द्र जोशी  उज्जैन(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** १७वीं लोकसभा के आम चुनाव में जहां नेताओं द्वारा एक-दूसरे के प्रति बदजुबानी,कटु व्यवहार और चरित्र हनन की एक से बढ़कर एक खबरें आए दिन मीडिया की सुर्खी बन रही है जिन्हें लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्त फटकार के बाद चुनाव आयोग का स्वतः संज्ञान जागा और योगी आदित्यनाथ,मायावती,आजम शेख और … Read more

चुनाव चौपाल

डाॅ.देवेन्द्र जोशी  उज्जैन(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** आचार संहिता बनी तमाशा,चुनाव आयोग हुआ पंगु,  नेता भए राजा भोज,इलेक्शन कमिशन बना तेली गंगू।    सुप्रीम कोर्ट ने लगाई  फटकार,तब जागा आत्म बोध,  स्वतः संज्ञान के भूले में यूं हुआ जागृत कर्तव्य प्रबोध।    योगी माया पर चली चाबुक,लगी प्रचार पर रोक,  आजम-मेनका पर कसी नकेल,छाया खेमे में शोक।   … Read more

कस्तूरबा गांधी पर डाॅ.जोशी ने लिखा शोध ग्रंथ,डेढ शती वर्ष में होगा प्रकाशन

उज्जैन। ११ अप्रैल १८६९ को जन्मी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी का यह डेढ़ सौवां जन्मशती वर्ष है,जो ११ अप्रैल से आरंभ होकर १० अप्रैल २०२० तक चलेगा। इस दौरान उन्हें समारोह पूर्वक याद करके उनके योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक प्रयास उज्जैन के वरिष्ठ लेखक-पत्रकार डाॅ.देवेन्द्र जोशी ने कस्तूरबा … Read more

तू है ना

देवेन्द्र कुमार शर्मा ‘युगप्रीत’ अजमेर(राजस्थान) ************************************************************************ सवाल कैसा भी हो,हल हो ही जाता है, तू है ना तो सब हो ही जाता है। इतना भी नही अदीब मैं,कि सब जान सकूँ, गिर्द में तेरे आने पर अफसोस मिट सा जाता है। तू है ना तो सब हो ही जाता है…ll गमगुस्सार जितने थे सब चले … Read more

पिताजी

देवेन्द्र कुमार ध्रुव गरियाबंद(छत्तीसगढ़ ) ************************************************************************** मुझे लगता था वो मुझे डांटने-दबाने में लगे रहे, मैं गलत था,वो तो मुझे ऊपर उठाने में लगे रहे। उनके टोकने,और रोकने से मैं खीझ जाता, मगर मेरे पिता मुझे बेहतर बनाने में लगे रहे। मैं जिद में अड़ जाता,बड़ी हसरतें करता, वो चुपचाप मेरी जरूरतें जुटाने में लगे … Read more

नारी

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* नारी नर की जननी है, और धरा की प्रेम प्रतीक। पल्लवित कण-कण इससे, हर पग जग लेता है सीख। मूल में ममता मानवता की, आँचल में स्नेह की धारा है संस्कृति की अविचल गाथा, और संबल दीप सहारा है। धैर्य धरा प्रतिबिंबित होता, मुस्कान मनोवांछित फल पाए जब नारी … Read more