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चुनाव चौपाल

डाॅ.देवेन्द्र जोशी 
उज्जैन(मध्यप्रदेश)

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आचार संहिता बनी तमाशा,चुनाव आयोग हुआ पंगु, 

नेता भए राजा भोज,इलेक्शन कमिशन बना तेली गंगू। 
 
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई  फटकार,तब जागा आत्म बोध, 
स्वतः संज्ञान के भूले में यूं हुआ जागृत कर्तव्य प्रबोध। 
 
योगी माया पर चली चाबुक,लगी प्रचार पर रोक, 
आजम-मेनका पर कसी नकेल,छाया खेमे में शोक।
 
छोटी मछलियों पर गिरी गाज बडे़ हैं अब भी बेखौफ, 
बदजुबानी रोकने को है जरूरी कड़ा कानून का खौफ। 
 
राजनीति के गिरते स्तर का दर्पण है बदजुबानी जंग, 
पतन की पराकाष्ठा देख रह जाए भद्रजन भी दंग। 
 
राजनीति में न नीति न राज,मकसद है सत्ता हथियाना, 
हुई सियासत काजल कोठरी,हो कैसे लोकतंत्र सयाना। 
 
वादे,नीति,घोषणा विचार पर से उठा नेतन का विश्वास, 
गाली-गलौज की भाषा और आरोप-प्रत्यारोप सुबास। 
 
एक-दूजे को दिखा नीचा नेता चाहे करना वैतरणी पार, 
राजनीति के दल-दल में है पतन संभावना और अपार। 
 
भाषण बने जुमले चुनाव हुआ चरित्र हनन का पर्याय, 
समय रहते नहीं सुधरे तो लिखेगी जनता ‘नोटा’ अध्याय॥ 
परिचय–डाॅ.देवेन्द्र जोशी का निवास मध्यप्रदेश के उज्जैन में हैl जन्म तारीख १९ नवम्बर १९६२ और जन्म स्थान-उज्जैन (मध्यप्रदेश)है। वर्तमान में उज्जैन में ही बसे हुए हैं। इनकी पूर्ण शिक्षा-एम.ए.और पी-एच.डी. है। कार्यक्षेत्र-पत्रकारिता होकर एक अखबार के प्रकाशक-प्रधान सम्पादक (उज्जैन)हैं। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप एक महाविद्यालय-एक शाला सहित दैनिक अखबार के संस्थापक होकर शिक्षा,साहित्य एवं पत्रकारिता को समर्पित हैं। पढ़ाई छोड़ चुकी १००० से अधिक छात्राओं को कक्षा १२ वीं उत्तीर्ण करवाई है। साथ ही नई पीढ़ी में भाषा और वक्तृत्व संस्कार जागृत करने के उद्देश्य से गत ३५ वर्षों में १५०० से अधिक विद्यार्थियों को वक्तृत्व और काव्य लेखन का प्रशिक्षण जारी है। डॉ.जोशी की लेखन विधा-मंचीय कविता लेखन के साथ ही हिन्दी गद्य और पद्य मेंं चार दशक से साधिकार लेखन है। डाॅ.शिवमंगल सिंह सुमन,श्रीकृष्ण सरल,हरीश निगम आदि के साथ अनेक मंचों पर काव्य पाठ किया है तो प्रभाष जोशी,कमलेश्वर जी,अटल बिहारी,अमजद अली खाँ,मदर टैरेसा आदि से साक्षात्कार कर चुके हैं। पत्रिकाओं सहित देश- प्रदेश के प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्रों में समसामयिक विषयों पर आपके द्वारा सतत लेखन जारी है। `कड़वा सच`( कविता संग्रह), `आशीर्वचन`, आखिर क्यों(कविता संग्रह) सहित `साक्षरता:एक जरूरत(अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता वर्ष में प्रकाशित शोध ग्रन्थ) और `रंग रंगीलो मालवो` (मालवी कविता संग्रह) आदि आपके नाम हैl आपको प्राप्त सम्मान में प्रमुख रुप से अखिल भारतीय लोकभाषा कवि सम्मान, मध्यप्रदेश लेखक संघ सम्मान,केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड सम्मान,ठाकुर शिव प्रतापसिंह पत्रकारिता सम्मान,वाग्देवी पुरस्कार,कलमवीर सम्मान,साहित्य कलश अलंकरण और देवी अहिल्या सम्मान सहित तीस से अधिक सम्मान- पुरस्कार हैं। डॉ.जोशी की लेखनी का उद्देश्य-सोशल मीडिया को रचनात्मक बनाने के साथ ही समाज में मूल्यों की स्थापना और लेखन के प्रति नई पीढ़ी का रुझान बनाए रखने के उद्देश्य से जीवन लेखन,पत्रकारिता और शिक्षण को समर्पण है। विशेष उपलब्धि महाविद्यालय शिक्षण के दौरान राष्ट्रीय स्तर की वाद-विवाद स्पर्धा में सतत ३ वर्ष तक विक्रम विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व और पुरस्कार प्राप्ति हैl आपके लिए प्रेरणा पुंज-माता स्व.श्रीमती उर्मिला जोशी,पिता स्व.भालचन्द्र जोशी सहित डाॅ.शिवमंगल सिंह सुमन,श्रीकृष्ण सरल,डाॅ.हरीश प्रधान हैं। आपकी विशेषज्ञता समसामयिक विषय पर गद्य एवं पद्य में तत्काल मौलिक विषय पर लेखन के साथ ही किसी भी विषय पर धारा प्रवाह ओजस्वी संभाषण है। लोकप्रिय हिन्दी लेखन में आपकी रूचि है।

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