शिवा भी हूँ,शिवानी भी…

देवश्री गोयल जगदलपुर-बस्तर(छग)******************************************************* शिवा भी हूँ मैं…शिवानी भी हूँ मैं…अर्द्ध भी-पूर्ण भी हूँ मैं…lअंत भी आरम्भ भी हूँ मैं…काल से शुरू होकर…काल से परे भी हूँ मैं…,दिग भी हूँ…दिगन्त भी हूँ मैं…lआदि भी हूँ मैं अनंत भी हूं मैं…जड़ भी हूँ,जीवंत भी हूँ मैं…सोच भी हूँ,विचार से परे हूँ मैं…,आचार भी हूँ,आचरण मन्त्र भी हूँ…lकण … Read more

नेह नीर बरसाओ न…

देवश्री गोयल   जगदलपुर-बस्तर(छग) ******************************************************* तरंगिनि-सी…बह रही हूँ मैं,तुम जल तरंग बजाओ न…lविरहिणी-सी…जी रही हूँ मैं,तुम संग-संग आ जाओ न…lमृगमरीचिका-सी…भटक रही हूँ मैं,तुम नेह नीर बरसाओ न…lनवकोपल-सी…लहक रही हूँ,तुम वट वृक्ष बन जाओ न…lआप्त सुर-सी…द्रवित हो रही हूँ,राग मल्हार सुनाओ न…lविभीषिका-सी…धू-धू जलते मन की,हरीतिमा बन जाओ न…lमाधव प्रिया की…बांसुरी-सी बज सकूँ,वो तान बन जाओ न…ll परिचय-श्रीमती … Read more

नई बयार

देवश्री गोयल   जगदलपुर-बस्तर(छग) ******************************************************* आज नेहा की खुशी का ठिकाना नहीं था। उसे लग रहा था मानो उसके पंख लग गए हों। आज उसने एक ऐसा काम किया था,जिससे उसे अपने ऊपर गर्व हो रहा था। एक आत्मिक सन्तोष मुख मंडल पर स्पष्ट दिखाई दे रहा था। कुछ साल पहले की घटना उसकी आँखों के … Read more

युद्ध

देवश्री गोयल   जगदलपुर-बस्तर(छग) ******************************************************* ‘कोरोना’ से लड़ रहे कर्मवीरों को समर्पित………. हाँ! युद्ध ही तो लड़ रहा हूँ मैं… इस बार बन्दूक की गोली से नहीं जनाब, किसी अंजान शत्रु से भिड़ रहा हूँ मैं… अपनी नई-नवेली पत्नी से मुख मोड़ रहा हूँ मैं, दूधमुँहे बच्चे को अकेले छोड़ रहा हूँ मैं… थरथराते हाथों से … Read more