तुम केन्द्र,हम धुरी बन जाएँ…

देवश्री गोयलजगदलपुर-बस्तर(छग)********************************************** महिला दिवस स्पर्धा विशेष…… तरंगिनी-सी…बह रही हूँ मैं,तुम जल तरंग…बजाओ न…। विरहिणी-सी…जी रही हूँ मैं,तुम संग-संग…आ जाओ न…। मृगमरीचिका-सी…भटक रही हूँ मैं,तुम नेह नीर…बरसाओ न…। नवकोपल-सी…लहक रही हूँ,तुम…

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