कछुआ और खरगोश
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** कछुए और खरगोश में, हुई बढ़िया रेस। बहुत घमण्डी था खरगोश, मारता था वह टेस। दोनों में एक बात चली, चलो लगाएँ रेस। हाथी…
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** कछुए और खरगोश में, हुई बढ़िया रेस। बहुत घमण्डी था खरगोश, मारता था वह टेस। दोनों में एक बात चली, चलो लगाएँ रेस। हाथी…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** नई सृजन की बेला आई,आओ कुछ निर्माण करें। आगे बढ़ते जायें हम सब,भारत माँ का नाम करेंll कदम रुके मत बाधाओं में,संकट से…
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** `शरद पूर्णिमा` मनाएंगे,घर में खीर बनाएंगे, अमृत बरसेगा खीर में,मिल-बांट कर खाएंगे। चाँद की रौशनी से,सारा जग जगमगाएगा, सोलह कला से पूर्ण हुआ,अमृत वह…
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** वीणा वाली शारद मैया,हमको दे दो ज्ञान, नन्हें-नन्हें बच्चे हैं हम,करें आपका ध्यान। चरणों में हम शीश झुकाते,करते हैं सम्मान, हाथ जोड़ कर विनती…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** छोटे-छोटे हाथ जोड़कर,प्रभु को शीश झुकाता हूँ। पूजा-पाठ न जानूँ भगवन,लड्डू भोग चढ़ाता हूँll ज्ञान बुद्धि के दाता हो तुम,संकट सब हर लेते…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** किशन कन्हैया रास रचैया,सबको नाच नचाये। बंशी की धुन सुनकर राधा,दौड़ी-दौड़ी आये॥ बैठ डाल पर मोहन भैया,मुरली मधुर सुनाये। इधर-उधर सब ढूँढे उसको,डाली…
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** एक-एक पेड़ लगायेंगे,प्रकृति को बचायेंगे, पेड़-पौधे लगाकर,शुद्ध हवा सब पायेंगे। पौधे सभी लगायेंगे,ताजे-ताजे फल खायेंगे, सेहत अपना बनायेंगे,सादा जीवन अपनायेंगेll सोनू-मोनू चिंटू-पिन्टू,सब मिलकर पेड़…
महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ पंडरिया (कवर्धा )छत्तीसगढ़ ************************************************** टूट पड़ो अब बैरी ऊपर,भाग कहीं ना जाने पाय। खाल खींचकर भूसा भर दो,जो भी हमको आँख दिखायll नहीं डरेंगे धमकी से अब,गीदड़…
प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** पौधे एक लगाकर देखो,हरियाली छा जाएगी, महक उठेंगे बाग-बगीचे,पक्षी गाना गाएंगे। झूम उठेंगे पौधे सारे,नदियाँ भी लहरायेगी, चहक उठेंगे पक्षी सारे,अपनी प्यास बुझाएंगें। हरे-भरे…
हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी महेन्द्र देवांगन ‘माटी’ का ०६ अप्रेल को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..