मामला ये सोच का
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** गुजर जाता है वक्त,रहता अफसोस-सा है अगर-मगर हो रही,मामला यह सोच का है, चल दिए आप मेरे अश्कों को पोंछ कर… किस्सा तो ये मेरा अब यहाँ रोज का है। सम्भल कर चलना आता है मुझे बखूबी गिरा तो कसूर उसकी कमर की लोच का है, यूँ तो कई खंजर … Read more