मामला ये सोच का

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** गुजर जाता है वक्त,रहता अफसोस-सा है अगर-मगर हो रही,मामला यह सोच का है, चल दिए आप मेरे अश्कों को पोंछ कर… किस्सा तो ये मेरा अब यहाँ रोज का है। सम्भल कर चलना आता है मुझे बखूबी गिरा तो कसूर उसकी कमर की लोच का है, यूँ तो कई खंजर … Read more

कौड़ियों में भुनाए बैठे

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** यूँ ही तो नही नजरें झुकाए हुए बैठे हैं, यूँ ही तो नहीं शरमाये डरे हुए बैठे हैं। गुजरी आप पे या गुजार दी किसी पे, यूँ ही तो नहीं घबराये हुए से बैठे हैं। कुछ मिलने से ज्यादा है खोने का डर, खाली तिजोरी पे ताला लगाये बैठे हैं। … Read more

क्या होगा दुनिया छोड़कर

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** साक़ी अगर उदास हुआ,मयकश को आता देखकर, ख्याल-ए-जन्नत ख्वाब है,क्या होगा दुनिया छोड़कर। उनकी मुस्कराहट में छुपे राज का,कैसे पता चले, रोने का फरेब कर लेते हैं,जो आँखों को पोंछकर। तेरी गली में गुजारी जिंदगी,दिल का हाल बताने को, अब क्या पूछना चाह रहीं वो,मेरा जनाजा रोककर। खरीदने वाले की … Read more

ये पागल कौन मुआ है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* जो भी जी चाहे वो मिल जाये,ऐसा भी कहीं हुआ है हवा भी हवा हो जाती है,जिसने तो सबको छुआ हैl राख हो जाती है हर चीज,गर छू लेती है आग उनको इस दौड़ में सम्हाल खुद को,इधर खाई उधर कुंआ है। चालाक मौसीयों को,घंटी बांधने की ना कर कोशिश, … Read more