माँ के द्वार

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ (रचना शिल्प:३० मात्रा,१६-१४ पर यति) हे दु:ख हारिणि,कष्ट विदारिणि,मंगल करणी,जगदंबे।मातु भवानी,भवभय हारिणी,जनकल्याणी हे अंबेll शेरावाली तू ब्रह्माणी,हे वरदानी,दया करो।आज जगत में कष्ट समाया,हे कल्याणी! कष्ट हरोll शैल सुता हे ब्रह्मचारिणी,चंद्रघंटिका सुरेश्वरी।कुष्मांडा हे स्कंदमाता,माँ कात्यायनि महेश्वरीll विपद हारिणी हे जगदंबा,जग के कष्ट हरो माता।अरि संहारिणि दुष्ट विदारिणि,जग कल्याणी जग माताll खड्गधारिणी देवी … Read more

माँ जगत कष्ट हरो

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ (रचना शिल्प:३१ वर्ण, ८,८,८,७ वर्ण पर यति, चरणांत गुरु) माँ जगत कष्ट हरो,सबका कल्याण करो,विपदा से मुक्त करो,हे महिषमर्दिनी। महावतार धारिणी,जगत वरदायिनी,सर्व सुखप्रदायिनी,हे जगत वंदिनी। माँ भवभय हारिणी,भक्तजन उद्धारिणी,हे जगत कल्याणिनी,हे निशुंभ मर्दिनी। भवसागर तारिणी,सर्व विपदा हारिणी,माँ जन सुखदायिनी,असुर विमर्दिनीll दुष्ट दल विनाशिनी,सुहासिनी सुभाषिनी,हे उमा वरदायिनी,हे त्रिलोक चारिणी। विपदा में आज … Read more

शिक्षक ही नव ज्योति जगाए

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************** शिक्षक दिवस विशेष……….. शिक्षक ही जीवन में,नव ज्योति जगाए।निर्मल ज्योति जलाकर,जग में चमकाए॥ शिक्षक ही नन्हें बालक के,जीवन की नन्हीं बगिया में।शिक्षक ही उत्साह भरे,हरपल मानव हृदय में।मनमोहक सुंदर पुष्पगुच्छ,उगाए,खिलाए और महकाए।शिक्षक ही जीवन में,नव ज्योति जगाए…॥ नई दिशा नव किसलय से,नई उमंग जोश भरकर।नई राह चल पड़ने की,प्रेरणा जगाकर।नव क्षमता … Read more

नारी तुम महाशक्ति हो

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************** एक जमाना था,घर में सामान जुटाना,खाने-पीने का सब काम समय से करना।आटा,चावल,लकड़ी,बर्तन सभी जुटाना,सुबह-शाम पानी के बर्तन पानी भरना॥ दादी-मम्मी आस-पास से लकड़ी चुनती,गिन-गिन करके सबको मिला इकट्ठा करती।बना एक बड़ा-सा गट्ठर सिर पर लादे,कदम-कदम बढ़ आगे घर को वापस आते॥ नहीं अकेले कभी भी वे जंगल को जाती,गाय,बकरियां,मुर्गी अपने साथ … Read more

प्रारंभ जिंदगी का

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** जग में आकर जीव को,नूतन हो आभास।नवजीवन नव जगत में,नव आशा विश्वास।नव आशा विश्वास,नया घर नव संरचना।नव विचार,आचार,कर्म,विद्या नव रचना।नव समाज नव धर्म,विधाता धरता है पग।सीख-सीख अनुभव,लेकर पथ चलता है जग॥ मधुर सरस जीवन लिए,माँ की कोख समाय।प्रेम दया करुणा भरे,माँ से ममता पाय।माँ से ममता पाय प्यार की मीठी भाषा।सीखे … Read more

विपदा में आनंद

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************************************************** (रचना शिल्प:ध्रुव पंक्ति-आज समय जो भी मिला,ले उसका आनंद)‘कोरोना’ के काल में,सभी घरों में बंद।आज समय जो भी मिला,ले उसका आनंद॥ गृह में ही रखी हुई,जो भी होय किताब।बड़े प्रेम से मनन करि,ज्ञान का लें आनंद॥ बच्चों के संग खेल लें,लूडो,सीढ़ी साँप।शतरंजी के खेल में,रहें सदा आनंद॥ छोटे बच्चे हों अगर,खेलें … Read more

महाराणा प्रताप और उनकी शौर्य गाथा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. विषय प्रवेश- मेवाड़ का शेर,जिसे न सोने की हथकड़ियाँ बाँध पायी,न आँधियाँ रोक पायी,न जीवन के संघर्ष झुका पाए,और न ही आपदाओं की बिजलियाँ अपने पथ से डिगा सकी। अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए जिसने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। भारतीय संस्कृति और … Read more

ममता की तरुछाँव है माँ

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** जीवन की अभिप्राण है माता, ममता की तरुछाँव है माँ। शिशु की तो वरदान है माता, सभी गुणों की खान है माँ॥ माँ जग की वह ज्योति निराली, जीवन जगमग करती है। माँ की चरण कमल रज सिर रख, नैया पार लगाती है। गले लगाकर प्यार करे नित, हाथ शीश … Read more

बेरोजगारी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** रोजी-रोटी का संकट है, मेरी राह विकट है। पेट पीठ मिल एक हुए हैं, जठराग्नि उद्दीप्त है॥ कैसे जीवन आज निभाऊँ, यह परिवार बचाऊँ। सभी ओर से घबराया हूँ, जग आज अभिशप्त है॥ मेहनत-मजदूरी से मैं अब, दूर हुआ घर से अब। शहर-गाँव सब सून पड़े हैं, घर मेरा अतृप्त … Read more

समय न रुकता है कभी

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** समय बड़ा बलवान है, समय ज्ञान को जान। समय न रुकता है कभी, समय शक्ति पहचान॥ उचित समय पर धारिए, योजित करिए काम। आलस दूर भगाइए, तत्परता अविराम॥ यत्न निरंतर राखिए, समय पूर्व निज काम। असफलता से ना डरे, हिम्मत से ले काम॥ उचित समय को जानकर, उचित कार्य का … Read more