प्यारे रंग में रंग दो सबको

दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’दौसा(राजस्थान)***************************************** फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… होली यह त्यौहार प्रेम का,मिलकर आओ हम खेलें।रंग दे बसंती चोला रंग से,गलियों में टोली मेले॥ भेद भाव को छोड़ो भैया,सबको गले लगाओ रे।प्यारे रंग में रंग दो सबको,होली रोज मनाओ रे॥ प्रेम रंग में बस जाओ तुम भी,राधे-श्याम याद कर लो।गोकुल की होली का … Read more

प्यारा बसन्त

दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’दौसा(राजस्थान)***************************************** गीतों का मल्हार लिए,फूलों का श्रंगार लिए।खिल गए फूल अनन्त,आ गया देखो प्यारा बसंत॥ फूलों से खेत हो रहे हरे-भरे,पक्षी गीत गा रहे भावना भरे।नर-नारी और झूमे साधु-संत,आ गया देखो प्यारा बसंत॥ नदियाँ फूलों से श्रृंगार करें,धरा भी किरणों से मांग भरे।गज भी मांजे अपने दन्त,आ गया देखो प्यारा बसंत॥ जीवन … Read more

आखिर क्यों जरूरी है हमें चौकीदार बनना …?

दिनेश पाठक  इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* अर्जुन का गांडीव बनूँ या,खुद गीता का सार बनूँ मैं ? कलम उठाकर वार करूं या,शब्द-शब्द अँगार बनूँ मैं ? मातृभूमि के चरणों की रज,ममता की रसधार बनूँ मैं ? हार-जीत का बनूँ कभी या ,खुशियों का त्यौहार बनूँ मैं ? कवि हूँ तो क्या कविताओं का,खुद अंधा रुजगार बनूँ मैं … Read more