दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’
दौसा(राजस्थान)
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फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष…
होली यह त्यौहार प्रेम का,
मिलकर आओ हम खेलें।
रंग दे बसंती चोला रंग से,
गलियों में टोली मेले॥
भेद भाव को छोड़ो भैया,
सबको गले लगाओ रे।
प्यारे रंग में रंग दो सबको,
होली रोज मनाओ रे॥
प्रेम रंग में बस जाओ तुम भी,
राधे-श्याम याद कर लो।
गोकुल की होली का रंग भर,
प्रेम मधुरता भाव भर लो॥
झूम-झूम के नाचें-गाएं,
खा के भंग की गोली रे।
होली का हुड़दंग ‘तूफानी’,
आओ खेलें होली रे॥