यह ‘स्वतंत्रता दिवस’ कहलाता

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. हमारी धड़कती साँसें आज हैं केवल उनके कारण,सीना ठोक कर जिन्होंने किए थे बंद अपने नयन। १५ अगस्त को हर साल यह दिन है आता,जब मिली थी हमें आज़ादी,यह ‘स्वतंत्रता दिवस’ कहलाता। केसरिया,सफेद और हरे रंगों की शान यह बढ़ाता,अशोक चक्र को धारण किए,हमारा ‘तिरंगा’ है लहराता। जन-गन-मन … Read more

बस रखो थोड़ी हिम्मत

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** जिंदगी की रेल सहसा थम-सी गई है, लोगों की हयात जैसे बिखर-सी गई है। जिस असुर ने हमारी खुशियों को छीन लिया, ना जाने कम्बख्त क्यों हमसे चिपक गया ? कोरोना का आगमन हुआ जरूर है चीन से, पर इलाज इसका मिलेगा किसी भारत के जिन्न से। भयभीत न होना,बस … Read more

चाय की चुस्की

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** सुबह-सवेरे उठकर देखा सूरज दादा बुला रहे हैं, “आँखें खोलकर देख तू बेटा पतीले में तेरे शून्य ब्रह्माण्ड हैl” आदत से मजबूर हूँ भइया यदि मिले न चुस्की चाय की, पेट के चूहे ढोल बजाए और दर्द के मारे फट जाए सिरl इत्तेफ़ाक तो देखो,हैं दुकानें सारी बंद देख यह … Read more

मेरा रफ़ीक

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** हयात की एक ह़कीकत सुनो, मसरूफ़ हैं सब अपनी जिंदगी में। हसीन लम्हों में सब होंगे साथ, अलविदा कहेंगे वक्त-ए-गर्दिशों में। गर्दिश वक्त में एहसास हुआ, कोई भी मेरे साथ न था। तब कल्ब ने दिया दिलासा कि, मेरा रफ़ीक,मेरा आशना, मेरा हमदम मेरे साथ था॥ साथ था केवल उस … Read more

नारी गाथा…

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** मैं हूँ तो ये संसार है, स्त्री कहो,कांता या भामिनी। दर्प है मुझे इस बात का, कि हूँ मैं इस विश्व की नारी॥ आसान नहीं है रिश्ते निभाना, बीवी,बहू और बेटी के। ईश्वर का दर्जा मिला है मुझे, जननी के स्वरूप में॥ नीर की भाँति निर्मल हूँ, तो समझो न … Read more