तुम हो तो…
दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** हँसाने हेतु तुम हो इसलिए हँसना चाहती हूँ, अश्रु पोंछने हेतु तुम हो तो रोना चाहती हूँ। सुनने के लिए तुम हो तो अल्फाज़ों के गीत गाना चाहती हूँ, सुनाने के लिए तुम हो तो लफ्जों की अंताक्षरी सुनना चाहती हूँ। तालियों की बरसात करने हेतु तुम हो इसलिए नृत्य … Read more