आखिर सुख निरंतर क्यों नहीं होता ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* जीवन में सुख और दुःख का चक्र चलता रहता है। दिन के बाद रात और रात के बाद दिन-यही क्रम सुख और दुःख का भी है।…

Comments Off on आखिर सुख निरंतर क्यों नहीं होता ?

दिल्ली को शस्त्र नहीं,सौहार्द की जरुरत

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से जो हालात बने हैं,वे न केवल त्रासद एवं शर्मनाक हैं,बल्कि भारत की संस्कृति एवं एकता को धुंधलाने वाले हैं। दिल्ली…

Comments Off on दिल्ली को शस्त्र नहीं,सौहार्द की जरुरत

परमहंसी साधना एवं सिद्धि के अलौकिक संत रामकृष्ण परमहंस

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* रामकृष्ण परमहंस जयन्ती-१८ फरवरी विशेष.......... भारत की रत्नगर्भा वसुंधरा माटी में कई संत और महान व्यक्ति हुए हैं जिन्हें उनके कर्म, ज्ञान और महानता के लिए…

Comments Off on परमहंसी साधना एवं सिद्धि के अलौकिक संत रामकृष्ण परमहंस

`प्रेम दिवस`:संबंधों में प्रेम की मिठास घोलिए

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* ”आंधी से भी भयानक होती है रक्त की वह हलचल,जिसे मनुष्य ने `प्रेम` की संज्ञा दी है।“ रांगेय राघव की यह प्रेम एवं प्रणय से जुड़ी…

Comments Off on `प्रेम दिवस`:संबंधों में प्रेम की मिठास घोलिए

दिल्ली चुनाव:हिंसक एवं अराजक बयानों की उग्रता

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* दिल्ली में विधानसभा के चुनाव जैसे-जैसे निकट आता जा रहा है,अपने राजनीति भाग्य की संभावनाओं की तलाश में आरोप-प्रत्यारोप,हिंसक बयानों-वचनों और छींटाकशी का वातावरण उग्र होता…

Comments Off on दिल्ली चुनाव:हिंसक एवं अराजक बयानों की उग्रता

असंतुलित आर्थिक संरचना पर मंथन जरूरी

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में ऑक्सफैम ने अपनी रिपोर्ट ‘टाइम टू केयर’ में समृद्धि के नाम पर पनप रहे नये नजरिए, विसंगतिपूर्ण आर्थिक संरचना एवं…

Comments Off on असंतुलित आर्थिक संरचना पर मंथन जरूरी

युद्ध का अंधेरा नहीं चाहता कोई भी राष्ट्र

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* अमेरिका एवं ईरान के बीच बढ़ते तनाव से बनती विश्व युद्ध की स्थितियों ने समूची दुनिया को संकट में डाल दिया है। इन वैश्विक तनावों के…

Comments Off on युद्ध का अंधेरा नहीं चाहता कोई भी राष्ट्र

अंधेरों के बीच उजालों की खोज हो

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* एक वर्ष का विदा होना सिर्फ कैलेन्डर का बदल जाना भर नहीं है। छोटा ही सही,लेकिन यह हमारे जीवन का एक अहम पड़ाव तो होता ही…

Comments Off on अंधेरों के बीच उजालों की खोज हो

आम-बजट में राहत की उम्मीद

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* देश में बढ़ती महंगाई,बेरोजगारी,व्यापार की टूटती साँसें,आर्थिक सुस्ती एवं विकास की रफ्तार में लगातार आ रही गिरावट चिंता एवं चिन्तन का कारण है। जनता महंगाई एवं…

Comments Off on आम-बजट में राहत की उम्मीद

क्यों भार लगने लगती है जिन्दगी ?

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* जीवन से जुड़ा एक बड़ा सवाल है कि विषम परिस्थितियां क्यों आती है ? जिन्दगी क्यों भार स्वरूप लगने लगती है ? क्यों हम स्वयं से…

Comments Off on क्यों भार लगने लगती है जिन्दगी ?