क्या होगा दुनिया छोड़कर
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** साक़ी अगर उदास हुआ,मयकश को आता देखकर, ख्याल-ए-जन्नत ख्वाब है,क्या होगा दुनिया छोड़कर। उनकी मुस्कराहट में छुपे राज का,कैसे पता चले, रोने का फरेब कर लेते हैं,जो आँखों को पोंछकर। तेरी गली में गुजारी जिंदगी,दिल का हाल बताने को, अब क्या पूछना चाह रहीं वो,मेरा जनाजा रोककर। खरीदने वाले की … Read more