करीब और तुम जरा चले आओ…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरी शाख के काँटों पे मत जाओ, मेरे करीब और तुम जरा चले आओ। मेरी पंखुड़ी छू के बहक जाओगे, मेरी खुशबू पा के महक जाओगे। मेरी शाख… मेरी बादशाही तो हर चमन में है, रंगत नहीं मुझ सी गुलशन में है। रंगत नहीं मुझ सी गुलशन में … Read more

दिल की बात

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** पत्थरों का शहर है,गलियां यहां काँटों की, एक भी शख्स नहीं,जिसने की बात दिल की। नहीं है कोई शहर में जो रखता दिल की बात, क्यूँ मैं आता शहर जो घर में होती बात दिल की। लोग आते हैं मुलाकात कर चले जाते, पर किसी ने न कभी … Read more

दिल का खयाल रखना जरा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** आपके साथ कब का कौन-सा रिश्ता है मेरा, आपसे बात करके ही दिल है लगता मेरा। मैं नहीं जानता क्या दिल तलाशता रहता, आप ही बताना मुझे दिल क्या है कहता मेरा। मैंने तो गुजारी उम्र अब तक दिल की सुन के, अब न जाने क्या-क्या बात दिल … Read more

हिन्दी भाषा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. धरा माथे की बिंदिया है हिन्दी भाषा, हिन्द के जन-मन में रचती-बसती हिन्दी भाषा। विश्व शिखर पर है हिन्दुस्तानी हिन्दी भाषा, हिमालय के शिखर से तराइयों तक है हिन्दी भाषा। हिन्दी भाषा मान-अभिमान,शान और जान है, नभ के जैसे दिन में सूरज,रात में तारे … Read more

अभियान `चन्द्रयान` नहीं रुकेगा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** भारत का अभियान ‘चन्द्रयान’ नहीं थमेगा,नहीं रुकेगा, अपने भारत का तिरंगा ‘इसरो’ चाँद पर फहराएगा। हम भारतवासी एक-दो,चार-छह,या आठ-दस नहीं,हैं पूरे सवा सौ करोड़, हर किसी की बदनीयती,बदमिजाज,मन्सूबे पलक झपकते ही देंगे तोड़। हम अपने घरों में भले हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख, इसाई हैं, पर बात आए देश की आन पे,तो … Read more

फिर आओ इक बार यहाँ कान्हा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. हे जग तारी,कृष्ण मुरारी, जन्मे मथुरा तुम,कंस के कारागार में। पहुंचे ईश्वरीय लीला से तुम, माता यशोदा के द्वार में। हे देवकी नन्दन नंद-लाला, तुम ही तो तारनहार हो। खुद को माखन-चोर,चित-चोर बना के, तुम्ही जग के राखनहर हो। हे वासुदेव-देवकी नन्दन, उफनती यमुना,रात … Read more

कुछ तो दूं अपने हिन्दुस्तान को

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** कैप्टन सुरजन सिंह आर्मी सर्विस से सन् १९९२ में रिटायर होकर जबलपुर में बस गये। परिवार में पत्नी,दो बेटे गुलवीर और जसवीर, एक बेटी कुलजीत कौर कुल पांच लोग थे। समृद्धि,खुशहाली सब-कुछ था। कैप्टन साहब अक्सर शाम-रात को बैठते,और बड़े बेटे को आवाज देते-“ओये गोलू तूने बताया नहीं,क्या … Read more

माँ

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** ओ…माँ…,ओ….माँ….,ओ…माँ…,ओ…माँ…..। तू मेरा जीवन है, तू मेरा तन-मन है। तुझी से धड़कन है, ओ…माँ…,ओ…माँ…। ओ…माँ…,ओ…माँ…ll मुझमें ही देखा सुख अपना,तूने न देखा दु:ख कोई अपना, मेरी खुशियों की खातिर देखा,जागती आँखों से सपना। मेरे हर दु:ख में तेरी ये आँखें बही। मेरी नींदों के लिये ये रातों में … Read more

सबके जैसा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** न मिलेगा यहाँ तुझे कोई तेरे जैसा, तू यहाँ खुद ही बन के देख ले सबके जैसा। बैठा है आसमां पे वो सबका रखवाला, माँग ले उससे दुआ बनने की सबके जैसा। बैठा है आसमां पे सबकी दुआ सुनने को, तेरी दुआ पहुंचे वहाँ तो तू बने सबके … Read more

तुम पावन हो,तुम सावन हो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** तुम सुन्दर हो,तुम पावन हो, मनमोहक हो,मनभावन हो। कुछ चंचल और कुछ शीतल-सी, खिली धूप में झरता सावन हो। तुम पावन हो,तुम पावन हो, तुम पावन हो,तुम पावन हो॥ तम्हें गीत कहूँ या ग़ज़ल कहूँ, तुमको गुलाब या कमल कहूँ। खुशबू तुमको या रंग कहूँ, कुछ सूझे न,तुम्हें … Read more