करीब और तुम जरा चले आओ…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** मेरी शाख के काँटों पे मत जाओ, मेरे करीब और तुम जरा चले आओ। मेरी पंखुड़ी छू के बहक जाओगे, मेरी खुशबू पा के महक जाओगे। मेरी शाख… मेरी बादशाही तो हर चमन में है, रंगत नहीं मुझ सी गुलशन में है। रंगत नहीं मुझ सी गुलशन में … Read more