जल ही जीवन,महत्व समझिए

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** शुद्ध जल अमृत के समान है। हम सबके जीवित रहने के लिए जल बहुत ही आवश्यक है। यही वजह है कि आयुर्वेद में जल या पानी को पंच महाभूतों में से एक माना गया है। साफ़ पानी पीने से ही शरीर की कई समस्याएँ ठीक हो जाती हैं।आयुर्वेद में जल के अनेक गुणों … Read more

दिखावा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** मत कीजिए श्रद्धा में दिखावा,मन से ही निभाईए,रीति-नीति,दान-पुण्य से स्वर्ग का रास्ता मत बनाईए। अरे,जब जिंदा माँ-बाप को दिया कष्ट,तो अब ढोंग क्यों,उन्हें रखा भूखा,अब जी भर खीर-पूड़ी-हलवा मत खिलाईए। लिया जन्म उनसे तो,कुछ फर्ज भी हैं हमारे,ऐसे जीते-जी तो उनका जी मत दुखाइए। रख लो जीते-जी प्रेम से बस सम्मान उनका,उनके … Read more

झोली भर दीजिए

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** गणेश चतुर्थी विशेष…. हे गौरी नन्दन,करता हूॅ॑ वन्दन,चरणों में मुझे लीजिए।हर ओर प्रताप आपका,ज्ञान मुझको दीजिए। सब देवों के प्रिय हैं आप,रिद्धि-सिद्धि के दाता,प्रथम पूज्य श्रीगणेश करूं विनती यही,दु:ख हर लीजिए। आप ही तो प्रथम पूज्य,आपसे ही सब नव काज,चिन्ताएं-कुंठाएं हजार प्रभु,थोड़ी कृपा तो कीजिए। मूषकराज है सवारी,लड्डू-मोदक प्रिय आपको,एक दंत,ज्ञान वंत,साकार … Read more

शीश झुकाता हूँ

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** दिया मुझे शिक्षकों ने,हर समय बहुत ज्ञानतभी तो पढ़-लिखकर,कुछ बन पाया हूँइसलिए मेरे दिल में,श्रद्धा के भाव रहते हैंऔर शिक्षकों को मात-पिता से,बढ़ कर सम्मान देता हूँजो कुछ भी हूँ मैं आज,उन्हीं के कारण बन सकाइसलिए उनके चरणों में,शीश अपना झुकाता हूँ। शिक्षा का जीवन में लोगों,बहुत ही महत्व होता हैजो इससे … Read more

आजादी…और कहां तक गिरना है ?

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** न हम हिन्दू न हम मुस्लिम,और न सिख ईसाई हैंहिंदुस्तान में जन्म लिया है तो,पहले हम हिंदुस्तानी हैंआजादी की जंग में,इन सबने जान गंवाई थीतब जाकर हमको ये,आजादी मिल पाई थीकैसे भूलें उन सबको,वो भी हमारे बेटे थे। पर भारत माँ अब बेबस है,और अंदर ही अंदर रोती हैअपने ही बेटों की … Read more

मन नहीं लग रहा

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** सावन निकले जा रहा,दिल भी मचले जा रहाकैसे समझाएं दिल को,जो मचले जा रहालगता है अब उसको,याद आ रही उनकीजिसका ये दिल अब,आदी-सा हो चुका है। हाल ही में हुई है शादी,फिर आ गया जो सावनजिसके कारण हमको,होना पड़ा जुदादिल अब बस में नहीं है,राह देख रहा है उनकीकब आए वो यहां … Read more

भारत माँ के लाल

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** पग-पग पर कांटे पड़े,चलना तुमको पड़ेगाभारत के अंग कश्मीर को,तिरंगे में समाना होगाऔर मंजिल से भटके हुए,लोगों को समझाना होगा।और मिलकर भारत की,एकता को दिखलाना पड़ेगा॥ घायल और लहूलुहान हुए सीने,उसका हमें कोई गम नहीं हैकैसे कराएं कश्मीर को,आतंकवादियों से हम मुक्तलिया ये संकल्प अब हमने,चाहे जाएं इसमें प्राण हमारे।पर कदमों को … Read more

खत…इंतजार

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** क्या होते थे उस समय के,खत हमारे और तुम्हारे लिएपर समय परिवर्तन ने किया,कुछ इस तरह का खेलबंद होने लगा पत्रों को,लिखने का वो दौरक्योंकि आ गए हैं अब,संचार के नए उपकरणजिसके कारण स्नेह-प्रेमभाव,और आत्मीयता मिट रही है। क्या दौर हुआ करता था,जब दिल की बातें कहनेसुख-दु:ख और बातें बताने के लिए,हाथ … Read more

सावन में तड़प

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** बचपन खोकर आई जवानी,साथ में लाई रंग अनेकदिलको दिलसे मिलाने को,देखो आ गई अब ये जवानीअंग-अंग अब मेरा फाड़कता,आता जब सावन का महीनानए-नए जोड़ों को देखकर,मेरा भी दिल खिल उठता। अंदर की इंद्रियों पर अब,नहीं चल रहा मेरा बसनया-नया यौवन जो अब,अंदर ही अंदर खिल रहातभी तो ये दिल की पीड़ा,अब और … Read more

आज की आधुनिकता…

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) **************************************** आज के दौर कादोस्तों क्या हाल है,आधुनिकता के नाम परबेशर्मी का ये दौर हैन अदब न शर्म और न ही,बची संस्कृति और सभ्यताइसे ही कहते हैं लोग,आज की आधुनिकता।आज की आधुनिकता….।। तू है प्रभु का दासतो क्यों है उदास,जब प्रभु का हैतेरे सिर पर हाथ,तो क्यों रहता हैबंदे तू उदास,इस दौर में … Read more