सपनों की दुनिया..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ कभी हँसाती- सपनों की दुनिया, कभी रुलातीl कोई रूठता- कोई मझधार में, साथ छोड़ताl कभी उठाती- ख़्वाबों की हक़ीकत, कभी गिरातीl ख़्वाबों में…

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जीवन का लेखा-जोखा

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ हनन और दमन तुम दूसरों का कर रहे हो, उसकी आग में अपने भी जल रहे हैं। कब तक तुम दूसरों को रुलाओगे, एक दिन इस…

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चातुर्मास है आत्मावलोकन पर्व

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** बिना कारण के कोई कार्य उत्पन्न नहीं होता,कोई भी कार्य निरर्थक नहीं होताl बहुत पहले समाज विखरित थाl उस समय आवागमन के साधन शून्य,कच्चे मार्ग,बैलगाड़ी,घोड़ों की…

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युवा वर्ग में बढ़ता असंतोष,महती कदम की आवश्यकता

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** जब बच्चा पालने में होता है तो उसे पालना अपना संसार लगता है। जब वह युवा होता है तो उसे संसार छोटा लगने लगता है। युवा…

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संसार…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ सारा संसार- कभी-कभी लगता, मुझे असार। धूप या छाया- यह सब है यारों, प्रभु की माया। गोरखधंधा- मज़हबी रंग में, रंगी दुनिया। कैसा…

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कितना-कुछ बदल गया हिंदुस्तान में…

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ कितना-कुछ बदल गया अपने हिंदुस्तान में, इसमें खुलकर हो रहा हर चीज का व्यापार। जहां देखो,वही पाओगे विज्ञापन और दामों की सूची, जिस पर दर्शाया गया…

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जीवन चक्र

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ भावनाओं से ही भाव बनते हैं, भावों से ही भावनाएं चलती हैं। जीवन चक्र यूँ ही चलता रहेगा, बस दिल में आस्था रखो तुम सब॥ कहते…

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बोए पेड़ बबूल कॆ,आम कहाँ से होए

अजय जैन ‘विकल्प इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* बरसों पुरानी एक कहावत है-'बोए पेड़ बबूल कॆ,आम कहाँ से होए',जो नापाक इरादों कॆ मालिक देश पाकिस्तान पर सटीक बैठी है। जी हाँ,क्योंकि भारत का…

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एकाधिकार से ही हिंदी का राष्ट्रभाषा बनना और जनसंख्या नियंत्रण संभव

डॉ.अरविन्द जैन भोपाल(मध्यप्रदेश) ***************************************************** नयी शिक्षा नीति ने यह स्पष्ट कह दिया है कि हम हिंदी नहीं थोपेंगे किसी भी प्रान्त या भाषा पर। यह बहुत सही निर्णय है,जिस प्रकार…

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बरसो मेघा रे….

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ सूखी है धरा- बरसो रे ओ मेघा... कर दो हरा। सूखे हैं ताल- कर दो हरियाली... भूखे हैं बाल। वन पुकारे- बढ़ता रेगिस्तान...…

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