घर किसका है…

जसवंतलाल खटीकराजसमन्द(राजस्थान)************************************************************* सब कहते हैं-खाली हाथ आए थे,खाली हाथ जाएंगेफिर क्यों रात-दिन खून पसी…ना एक करके,जो सपनों का घर बनाते हो…वो घर किसका है…! ना तुम्हारा उस पर अधिकार,ना ही किसी को दे पाते उपहारचैन की नींद के लिए आलीशान घर बनाते,पर उस घर की रखवाली में…सुकून से सो भी नहीं पाते हो,बताओ वो घर … Read more

सावन

जसवंतलाल खटीक राजसमन्द(राजस्थान) ************************************************************* सावन आया झूम कर, रिमझिम करती बारिश आयी। आओ ! सखी झूला झूलें, बागों में हरियाली छायी॥ हँसी-ठिठोली करती सखियां, झूला झूलें मधुर गीतों संग। पंछियों की कलरव के बीच, इंद्रधनुष में छाए सतरंगी रंग॥ बहुत सुहाना मौसम है, चारों ओर हरीतिमा लाली। झूला झूले,क्रीड़ा करे , हँस-हँस कर बजाये ताली॥ … Read more