धरती माँ की पुकार

जसवंतलाल खटीक राजसमन्द(राजस्थान) ************************************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष............... धरती माँ,की आँख में,आँसू, वो चीख-चीख,कर कहती है। क्यों,जहर मुझमें,घोल रहे हो, मुझमें,सारी दुनिया रहती हैll तुम थोड़े से,लोभ-लालच में, कल-कारखाने,चलाते…

0 Comments

वक्त

जसवंतलाल खटीक राजसमन्द(राजस्थान) ************************************************************* वक्त-वक्त की बात है, जीवन नहीं आसान है। वक्त जब मारे पलटी, जीवन नरक समान है॥ जब भी वक्त ने खेला, साधु बन जाता है चेला।…

0 Comments