उन्मुक्त गगन में उड़ चली

डॉ.जयभारती चन्द्राकर भारतीगरियाबंद (छत्तीसगढ़) ********************************************************* उड़ चली…उड़ चली…,उन्मुक्त गगन में उड़ चली। बंक पंक्ति ज्यों कमल श्वेत,पुष्प हार बन उड़ चलीसशक्त,स्वयं सिद्धा बन उड़ चली।उन्मुक्त गगन में उड़ चली… स्वयं मुग्धा,अनंत…

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वीर शहीदों को नमन…

डॉ.जयभारती चन्द्राकर भारती गरियाबंद (छत्तीसगढ़) *************************************************************************** वीर शहीदों की शहादत, कैसे हम भूल पायेंगे श्रद्धांजलि,श्रद्धासुमन अर्पित कर, ऋण कैसे हम चुकायेंगेl अतुल्य निधि देश के वीर जवान, सरहद पर नज़र टिकायेंगे…

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देखो सखी बसंत आया

डॉ.जयभारती चन्द्राकर भारती गरियाबंद (छत्तीसगढ़) *************************************************************************** देखो सखी बसंत आया, कुहरा मिटा,पतझड़ का अंत आया हरीतिमा वृक्ष,नवल पुष्प उमंग से मुस्काया, देखो सखी बसंत आया...। आम्र वृक्ष बौर से लद गये,…

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