तेरा ज़िक्र

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) *************************************************************************** तेरा ज़िक्र एक बार निकला, तेरे बारे में बातें हज़ार हुईl आँखों का मिलना था या एक मुलाकात थी वो, उस रात खयालों की बरसात हुईl बातों-बातों में बातें निकलती गयी, कब सूरज डूबा,कब रात हुईl उस दिन जो मुड़ के देखा था तुमने, उसी दिन से मुहब्बत की … Read more

अगस्त का मस्त महीना

डाॅ.देवेन्द्र जोशी  उज्जैन(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** अगस्त माह की बात निराली, चहुंओर छा जाती हरियाली। लेकर आता ये रक्षाबंधन त्योहार, हर्षित करता बहन-बेटी का प्यार। घर की रौनक जब घर में आती, आँगन कली-कली खिल जाती। किलकारी से गुंजित होता आँगन, जैसे उल्लसित हो उठे धरा-गगन अगुवाई में बाजार हो जाते गुलजार, जैसे सालों से हो बहनों … Read more

अस्तित्व

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** अपने को पहचानने की, कोशिश बरकरार है। आश्चर्य है मुझे स्वयं पर, कहाँ हूँ,क्या हूँ,कैसी हूँ… बस यही नहीं समझ पाती हूँ, कभी हवा में उड़कर अपनों को बुलंदियों पर पाना, कभी ठहर कर राह ताकते रह जाना… विवशता से और अचानक ही अकर्मण्य हो जाना, या कभी लहरों की … Read more

भारत माँ के वीर सपूत

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. धन्य-धन्य है भारत माता, दौलत मिली जहांन की जय हो वीर जवान की, जय हो हिन्दुस्तान की। कण-कण हर बच्चा-बच्चा, मिटने को तैयार है सन…सन…करती चली गोलियाँ, हर सैनिक तैयार है। चेतक की टापों के पीछे, दौड़ी थी जब टोलियां हर सैनिक राणा का वंशज, … Read more

एक कविता यह भी…

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** सुरों में शब्द भर दो, भाव का मकरंद भर दो एक दिव्यानंद भर दो। शब्द जिसमें तथ्य हों, समूचे अनुभवों का शब्द हो मेरे उन कहकहों का, जो दर्द की अनुभूतियों में थे लगाए, पर आँखों से जो अश्क बनकर बह न पाए। अरे पगली शब्द लेकर क्या करोगी, खुद … Read more

बरखा ऋतु

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** हरित तृणिका भेदनी पर, मोर मनहर दिखते हैं। शरद के पग चिन्ह आली, हर दिशा में दिखते हैं। छंट गए बादल बरसते, विहग पुलकित मोर नाचतेl आज ये जलकुंड देखो, झिलमिलाते दिखते हैं। सघन कुंजों के किनारे, कृषक धरती के सितारे। झुन्ड के अब झुन्ड देखो, हल चलाते दिखते हैं। … Read more

शत-शत नमन

डाॅ.देवेन्द्र जोशी  उज्जैन(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** शत-शत नमन है धरा की धूल को, जन्म दिया जिसने बलराम से फूल को। फूल जो मातृभूमि की भेंट चढ़ गया, देख दुश्मन को वो आगे बढ़ गया। बिना रूके बिना डरे लड़ता ही गया, सीना ताने बहादुरी से बढ़ता ही गया। आतंकियों से लड़ते-लड़ते कुर्बान हो गया, माँ का लाड़ला … Read more

अविश्वास

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** अविश्वास है घात की, घर्म आस्था तथ्य मानव में ईश्वर कहीं, रहता छिपा अवश्य। अविश्वास वह बूंद है, , जो समुद्र से दूर होकर निज अस्तित्व को, करता चकनाचूरl अविश्वास से हो रहा, जग जीवन भयभीत जग जाए विश्वास तो, हो जग स्वर्ण पुनीत। असंतोष दुर्भावना, मन में रहे न … Read more

गुपचुप निमंत्रण

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** आज मुझको मिल रहा है प्यार का गुपचुप निमंत्रण, कौन समझेगा कि मन की चाह पूरी हो रही है। क्यों किसी की राह देखूं पथ में आँखें बिछाये, क्यों किसी के सामने बैठूं बनूं उसका पुजारी। क्यों लिखूं पाती किसी को, प्यार का संदेश लिखकर जबकि करता रुप ही खुद, … Read more

इतिहास का स्वर्णिम पृष्ठ है राष्ट्रमाता कस्तूरबा ग्रंथ

डाॅ. देवेन्द्र जोशी की पुस्तक का लोकार्पण हुआ लेखक संघ के समारोह में उज्जैन(मप्र)। कस्तूरबा के बिना महात्मा गांधी की कल्पना अधूरी है। मोहन को महात्मा बनाने में कस्तूरबा की अहम भूमिका है। कस्तूरबा गांधी सच्चे अर्थों में आजादी के आन्दोलन में महिला सशक्तिकरण की पर्याय थी। ‘राष्ट्रमाता कस्तूरबा’ ग्रंथ भारत के इतिहास का स्वर्णिम … Read more