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एक कविता यह भी…

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
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सुरों में शब्द भर दो,
भाव का मकरंद भर दो
एक दिव्यानंद भर दो।
शब्द जिसमें तथ्य हों,
समूचे अनुभवों का
शब्द हो मेरे उन कहकहों का,
जो दर्द की अनुभूतियों
में थे लगाए,
पर आँखों से जो अश्क
बनकर बह न पाए।
अरे पगली शब्द लेकर क्या करोगी,
खुद पढो़गी या धरोगी।
गुन-गुनाओगी इन्हें एक
रागिनी में,
साथ लेकर सोए रहोगी
यामिनी में,
जिसकी तुमको है आस…।
शब्द हर्गिज़ नहीं कहेंगें वह कहानी,
जो कहता है इन नयनों का पानी॥

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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