कुल पृष्ठ दर्शन : 320

You are currently viewing तेरा ज़िक्र

तेरा ज़िक्र

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’
मुम्बई (महाराष्ट्र)

***************************************************************************

तेरा ज़िक्र एक बार निकला,
तेरे बारे में बातें हज़ार हुईl

आँखों का मिलना था या एक मुलाकात थी वो,
उस रात खयालों की बरसात हुईl

बातों-बातों में बातें निकलती गयी,
कब सूरज डूबा,कब रात हुईl

उस दिन जो मुड़ के देखा था तुमने,
उसी दिन से मुहब्बत की शुरुआत हुईll

परिचय-श्रीकांत मनोहरलाल जोशी का साहित्यिक उपनाम `घुंघरू` हैl जन्म ४ अप्रैल १९७८ में मथुरा में हुआ हैl आपका स्थाई निवास पूर्व मुंबई स्थित विले पार्ले में हैl महाराष्ट्र प्रदेश के श्री जोशी की शिक्षा बी.ए.(दर्शन शास्त्र) और एम.ए.(हिंदी साहित्य) सहित संगीत विशारद(पखावज) हैl कार्यक्षेत्र-नौकरी(एयरलाइंस) हैl लेखन विधा-कविता है। प्राप्त सम्मान में तालमणी प्रमुख है। प्रेरणा पुंज-मनोहरलाल जोशी(पिता)हैंl

Leave a Reply