माँ
सुशीला जोशी मुजफ्फरनगर(उतार प्रदेश) ************************************************************ मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… इतनी बड़ी हवेली में इकली कैसे रहती माँ, बड़ी-बड़ी विपदाओं को चुप-चुप कैसे सहती माँ। कमर झुकी जर्जर काया फिर भी चल-फिर लेती माँ, मुझे आता हुआ देखे रोटी सेक है देती माँ। खाँसी आती है माँ को झट से मुँह ढँक लेती माँ, मेरी नींद … Read more