दृढ़ संकल्प का एक कदम बढ़ाएं

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* मन से कुंठा हताशा मिटाकर,दृढ़ संकल्प का एक कदम बढ़ाएं, विषम परिस्थितियों से लड़ना है,सबके मन में यह भाव जगाएं। अखंड भारत फले-फूले सदा,स्वर्णिम इतिहास को नमन करें, हम सब हिंदुस्तानी मिलकर,एकता का अखंड दीप जलाएं॥ बैर शत्रुता होलिका दहन कर,प्रेम सुंदर सुमन बीज लगाएं, जातिवाद,छुआछूत दानव,देश समाज से … Read more

सरस्वती वंदना

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* तेरी तानों से मिलता ज्ञान अपार, एक सुर में समा जाए सारा संसार माँ सुना दे तू वीणा की झंकार। ज्ञान से सबकी झोली भर दे, ऐ माँ शारदे हमें ऐसा वर दे उजाला कर दे मिट जाए अंधकार। माँ सुना दे तू… पतझड़ पाप का हो जग-बाग से, … Read more

तिरंगा

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* दिल दिया है जां भी हाजिर, हो जाएंगे तेरे लिए कुर्बान। तीन रंगों से बना तिरंगा, भारत की है जो पहचान। अमर शहीदों ने जिसके लिए, खेली कितनी खूनी होलियां। भारत माँ के वीर सपूतों ने, सीने पर हैं खाई गोलियां। झुकने नहीं देंगे कभी कृष्णा, है हमारी ये … Read more

दिशाहीन हो रहा हमारा लोकतंत्र

प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी दिल्ली *************************************************************************** लोकतंत्र को विश्व में मानव और मानवता की सुरक्षा का एक सशक्त माध्यम माना जाता है। देश की प्रगति के लिए यह एक मानवीय,सुसंस्कृत और गरिमामय प्रणाली है। विचार और निर्णय पर इसका अंकुश तो नहीं होता,लेकिन यह किसी की विचारधारा को स्वतंत्र और सुरक्षित रूप में प्रस्तुत करने … Read more

कर प्रयास

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** मत कर बात निराशा की, प्रयास करना आज़ सीख। हौंसले रूपी क़लम से तू, जीवन की परिभाषा लिख। शंका और चिंता,है दीमक, दिमाग में कभी तू मत पाल। कर सकता है गगन में सुराग़, तबियत से पत्थर तो उछाल। तेरे हाथों में वो जादू है प्यारे, पत्थर भी हँसने … Read more

तेरी पायल की झनकार

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** हो गया दिवाना,देखा जबसे तुमको, ना रहा ठिकाना,भूल गया खुद को। करती मेरा दिल बेकरार, तेरी पायल की झनकार। चाँद-सा चेहरा तेरा, आँखों से दिल में उतर गया। सोने न देती मुझे, दिल धड़काती है यार सदा। होंठों की लाली,कानों की बाली, आँखों का काजल,करता है घायल। पागल करती … Read more

गांधी जी की नज़र में हिन्दी

प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी दिल्ली *************************************************************************** युगपुरुष,युगनिर्माता और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारत के स्वंतत्रता आंदोलन के महानायक थे। महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान न केवल उस युग की सामाजिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर विचार किया,वरन् इस युग की हिन्दुस्तानी जाति के गठन और उसके सांस्कृतिक परिवेश के युग पर भी चिंतन किया। इस … Read more

हमारी पहचान हिंदी

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. अंतर्मन की आवाज हिन्दी, प्रकृति का अनुराग हिन्दी। हिन्दुस्तान की शान हिन्दी, कलमवीरों का मान हिन्दी। हम सबका अभिमान हिन्दी, शहीदों का बलिदान हिन्दी। संस्कृति की पहचान हिन्दी, देश का स्वाभिमान हिन्दी। मजदूरों की मेहनत हिन्दी, धनवानों की शोहरत हिन्दी। किसानों का पसीना हिन्दी, सैनिक … Read more

दुनिया की अजीब कहानी

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** यारों इस दुनिया की अजीब कहानी, कोई हँसता सदा,किसी आंँख पानी। दाने-दाने के लिए कोई लड़ रहा, भ्रष्ट-तंत्र,भारी जीवन पर पड़ रहा। बिलखती झोपड़ी,हंँसती महल रानी, यारों इस दुनिया की अजीब कहानी। कहीं फसाद,धर्म-अधर्म की लड़ाई, एक मांँ,पर रक्त दुश्मन बने भाई-भाई। तेरा खुदा,मेरा ईश्वर,कैसी है नादानी ? यारों … Read more

आजा कन्हैया

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. आजा एक बार फिर कन्हैया, सुना दे मधुर बंशी की तान। अट्टाहास करने लगा है कंस, पुकारे तुझे आज हिन्दुस्तान। बाहुबली दुष्ट जरासंघों ने तो, कहर जनमानस पर ढाया है। कपटी धूर्त शकुनि ने फिर से, चौसर जाल आज बिछाया है। छल-कपट बाह्य आडम्बर से, … Read more