माँगने की चीज नहीं मुहब्बत

डॉ. रीता कुमारी ‘गामी’मधुबनी (बिहार)**************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से चुपके से लट कोई सुलझा जाए,साया बनकर,मुझे सहला जाए।उसकी आँखों में यूँ उतर जाऊँ,मेरे सिवा,नजर कुछ ना आए।चाँद-तारे,पूरे करे ख्वाब सारे,मेरे वादे,बस मेरा ही ख्याल आए।मैं…मैं…मैं,बस…मैं और मेरा।मुझे प्यार दो,मुझे सम्मान दो,दो…कोई तो दो…थोड़ा तो दो।दर-दर भटकती,बूंद-बूंद तरसती,तड़पती आत्मा,कोई मिला नहीं।मुहब्बत,है माँगने की चीज … Read more

महादेवी…आत्मा की पुकार

सोनम कुमारीमधुपुर (झारखंड)************************************** कितनी गहराई है तेरीअनदेखे एहसासों की,कितनी बातें यूँ सरलता सेबयां कर देती चित्रकथा।मनुष्य से लेकर ‘गिल्लू’ तककायल हैं तेरे असीम स्नेह के,बरबस आत्मीयता का प्रस्फुटनहो जाता है तुम्हें गुनकर।कुदरत का नायाब करिश्माजो आज भी जीवंत है हममें,दुःख की ही सिर्फ छाया नहीं हैजीवन का चलचित्र है उसमें।दुःख की बदरी छाई हो परसुख … Read more

‘अनसुलझे जीवन-सूत्र ‘

डॉ. रीता कुमारी ‘गामी’ मधुबनी (बिहार) ********************************************************************************* सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष………..               शाम का वक़्त,बाज़ार की गहमागहमी के बीच दो पुराने दोस्त अनायास एक-दूसरे से मिल जाते हैं। धौल-धप्पे और हँसी-ठठे के साथ-साथ  बातों का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसी बीच; “राजन,जरा उधर देखो तो…उस सब्जी वाले … Read more

जागते एहसास

डॉ. रीता कुमारी ‘गामी’ मधुबनी (बिहार) ********************************************************************************* गुमसुम-गुमसुम रहनेवाला, नहीं हँसने,नहीं रोनेवाला टुकुर-टुकुर आँखों से… नील गगन निहारा करता, नजरें मिल जाने पर मौन-विद्रोह किया करता। गूढ़ रहस्य…!!! इन दिनों क्यों उछल रहा है, खेलता,खिलखिला रहा है उधम उतना ही मचा रहा है, मुझे देख-देख मुस्कुरा रहा है! अपना आशियाना,नाते-रिश्तेदार, अपनी मनमानी,अपनी शैतानी अपना कर्तव्य,अपना … Read more

बाबुल तेरे अंगना में

रुपा कुमारी हावड़ा(पश्चिम बंगाल) ************************************************************* बाबुल तेरे अंगना में, मैं मस्त हवा का झोंका हूँ। बाबुल तेरे शहर में, मैं परियों की शहजादी हूँ। बाबुल तेरे अंगना की, मैं चहकती पंछी हूँl बाबुल तेरे बागों में, मैं महकता फूल हूँ। बाबुल तेरे अंगना में, मुझे पल-पल तेरा प्यार मिला। बाबुल तेरे शहर में, संग सबका … Read more