माँगने की चीज नहीं मुहब्बत
डॉ. रीता कुमारी ‘गामी’मधुबनी (बिहार)**************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से चुपके से लट कोई सुलझा जाए,साया बनकर,मुझे सहला जाए।उसकी आँखों में यूँ उतर जाऊँ,मेरे सिवा,नजर कुछ ना आए।चाँद-तारे,पूरे करे ख्वाब सारे,मेरे वादे,बस मेरा ही ख्याल आए।मैं…मैं…मैं,बस…मैं और मेरा।मुझे प्यार दो,मुझे सम्मान दो,दो…कोई तो दो…थोड़ा तो दो।दर-दर भटकती,बूंद-बूंद तरसती,तड़पती आत्मा,कोई मिला नहीं।मुहब्बत,है माँगने की चीज … Read more