इच्छा किसान की

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** नहीं है इच्छा मैं अमीरों में गिना जाऊँ, नहीं है आशा मैं दुनिया की सैर पाऊँ। नहीं है इरादा मैं बैठा हुआ आराम करूँ, नहीं है कामना कि स्वर्ग पा हर्षाऊँ। नहीं भाता मैं गर्मियों में ए.सी. लगाऊँ, नहीं चाह कि मैं सर्दियों में हीटर लाऊँ। नहीं इच्छा … Read more

बचपन सुहाना

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** बचपन था कितना सुहाना, गमों से था मैं तब अनजाना मानता था मैं पिता का कहना, पढ़ना खेलना और मौज मनाना। बचपन था कितना सुहाना… आता याद मुझे बचपन का जमाना, प्यारा था कितना गुरुजी का डांटना डांटना-पीटना और दुलार से समझाना, सफलताओं में उनसे पुरस्कार पाना। बचपन … Read more

माता

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… दुनिया में समाई जिसमें शक्ति अपार, जिसके अंदर है असीम ममता और प्यार कठिन परिस्थितियों में जो ना माने हार, उसे माता कहकर पुकारता यह संसार। माता तू है महान,तेरे बगैर फीका संसार॥ स्वर्ग बना रखी तू माँ अपना घर-संसार, संतानों पर लुटाती रही … Read more