मधुमास

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** झूम चली मधुमास लिये यह गंध भरी पछुवा मतवाली, रंग भरे बहु फूल खिले गुलजार हुई तरु की हर डाली, किन्तु उदास रहे मन आज वियोग सहे चुभती यह बाली, साजन छोड़ गये परदेश लगे सब सून हुआ घर खाली। परिचय–वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। जन्म … Read more

तुझे ग़म को छुपाना चाहिए था

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** तुझे ग़म को छुपाना चाहिए था। नहीं आँसू बहाना चाहिए था। वो फोटो ले रहा था जब तुम्हारा, जरा सा मुस्कुराना चाहिए था। रुलाते हैं जो लम्हें जिंदगी के, उन्हें तो भूल जाना चाहिए था। मुझे तुम फोन तो करते रहे हो, कभी घर पे भी आना चाहिए था। … Read more

पेड़ की कृपा

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** पेड़ों पर इतना न ज़ुल्म करो बन्धु मेरे, पेड़ की कृपा से सभी जीव यहाँ पलते। फल चखने के लिए मारते हो पत्थरों से, फिर भी ये पेड़ भाई हर साल फलते। आदिकाल से ये पेड़ मित्रता निभा रहे हैं, छलती है दुनिया ये पेड़ नहीं छलते। जब कोई … Read more

जिंदगी की कहानी

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** यही है सुनो जिंदगी की कहानी, कि चादर नई रोज होती पुरानी। कोई जन्म ले,साल बीते,खड़ा हो, है घटती उमर जिस्म जितना बड़ा हो। क्यूँ कहते सभी आ गयी है जवानी- कि चादर नई रोज होती पुरानी। हुई थी सजावट कि शादी ठनी थी, वो दूल्हा बना,वो जो दुल्हन … Read more

धैर्य मेरा खो रहा है

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** धैर्य मेरा खो रहा है। हाय यह क्या हो रहा है। लोग कहते कवि मुझे पर, ज्ञान मेरा सो रहा है। है हँसी में जिंदगानी, किंतु मन यह रो रहा है। सैकड़ों अवसाद कैसे, यह कलेजा ढो रहा है। मन सदा बेचैन होकर, दर्द केवल बो रहा है। कर … Read more

जब बालक थे…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** याद करो जब बालक थे हम संशय का यह भाव नहीं था, थीं खुशियाँ भरपूर किसी जन से तब हाय दुराव नहीं था, उम्र बढ़ी मन खिन्न रहे उर कष्ट भरा यह घाव नहीं था, खेल व कूद रहे मन में तब जीवन का उलझाव नहीं था। परिचय-वकील कुशवाहा … Read more

तुमसे मिलन की चाह में..

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** तुमसे मिलन की चाह में इतना दिवाना हो गया, कल ही मिला तुमसे मगर लगता ज़माना हो गया। है याद आती चूड़ियों की खनखनाहट रातभर, महसूस करता हूँ सदा मैं तेरी आहट रातभर तेरी नज़र का हाय ऐसे दिल निशाना हो गया- कल ही मिला तुमसे मगर लगता ज़माना … Read more

हिंदी से भाई प्यार करो

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** हिंदी की बिंदी से भाई भारत का तुम श्रृंगार करो, दुनिया में यह रौशन होगी,घर में पहले स्वीकार करो। तेरी माँ की यह भाषा है,क्या तुमको इसका ज्ञान नहीं ? तुम पढ़ो-लिखो कुछ भी लेकिन करना इसका अपमान नहीं। तुम हिंदी में हो पले-बढ़े,हिंदी से भाई प्यार करो- दुनिया … Read more

हे जनता के सेवक…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** हे जनता के सेवक मेरी बात सुनो, भूखे-प्यासे कट जाती है रात सुनोl रोजी-रोटी ढूँढ रहे हम शहरों में, पाते हैं लेकिन केवल आघात सुनोl जब भी बटुआ खाली होता है अपना, महँगाई की है मिलती सौग़ात सुनोl सोने की कुर्सी मिट्टी हो जायेगी, बिन बादल करने वालों बरसात … Read more

ऐ सनम जबसे तू…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** ऐ सनम जबसे तू आ गयी पास है, ये मेरी जिंदगी हो गयी खास है। जो हमें पास लाकर जवां हो गयी, वो मेरी प्यास है या तेरी प्यास है ? अब तुझे छोड़कर और सोचूँ किसे ? जब ये दिल ही तेरा हो गया दास है। तुम जवां … Read more