भरोसे का सहारा रख दो

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** ओ! रहनुमाओं,सुनो! इधर आओतुम बैठे रहो चाँद पर,इधर टूटा तारा ही रख दो। प्रेम भाईचारा हो,अमन की धारा होफैली हथेलियां इन पर,भरोसे का सहारा रख दो। कोई भूखा न रहे,कोई रोता न मिलेजहाँ एक खूबसूरत,ऐसा ही नजारा रख दो। कोई द्वेष में न जले,मुफलिसी में न पलेकोई लाचारी न हो,सुनो,हक हमारा रख दो। … Read more

सुरभित सुगंधित चैत्र

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** है अप्रैल मूर्ख माह,विदेशी संस्कृति दाह।पावन मानो चैत्र को,यही पवित्र सलाह। अप्रैल मूर्ख होने दो,चैत्र मेरा न खोने दो।चैत्र फूल भरी क्यारी,वर्ष हर्ष डुबोने दो। चैत्र नवदुर्गा पूजा,माह बढ़ी मातृ रूपा।जिस माह जन्मे राम,इससे बड़ा न दूजा। विक्रम संवत शुरू,संवत आगे भू गुरु।ये माह गुड़ी पड़वा,चैत्र को प्रणाम करूं। आंग्ल का ‘मूर्ख दिवस’,जो … Read more

हिय जले न दुर्वचन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** मन का आपा खोने को,बहुत रखे विकल्प।शीतल चंदन बोले,ऐसे हों शब्द संकल्प॥ जलानी पड़ी कितनी,लकड़ी यत्र सर्वस्त्र।हिय जले न दुर्वचन,सुख का यही है मंत्र॥ निज देखे स्वयं वाणी,कि क्या बोल रहे आप।तोल-बोल वाणी न हो,करने होते संताप॥ शब्द घाव-शब्द ताव,शब्द ही मन के मोती।कहीं अंधेरा करते,कभी कर देते ज्योति॥ हम तुम न रहेंगे,इस … Read more

तेरा-मेरा प्यार

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** फागुन और बयार,बसन्त और बहारइश्क़ और खुमार,साथ और तकरारसोच और विचार,हम और आचार।वैसे ही तेरा-मेरा साथ,वैसे ही तेरा-मेरा प्यार। धुन और संगीत,स्वर और गीतप्रीत और मीत,हार और जीतजग और रीत,बेचैनी संग करार।वैसे ही तेरा-मेरा साथ,वैसे ही तेरा-मेरा प्यार। शोर और वीराना,नया और पुरानामनुहार और ताना,गम और तरानानीरस और सुहाना,प्रीत के रंग कई हजार।वैसे … Read more

इश्क़ और हकीकत

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** किसी दरख़्त पर,अब न कोई नाम मिलेगा,खामोश आशिकी का न कहीं पैग़ाम मिलेगा। न कोई आरजू न ख़्वाहिश न सलाम मिलेगा,पूछना महकती खुशबू से,वही पयाम मिलेगा। ढूँढने चले जाना,आगे एक हसीं शाम मिलेगा,जमीं आसमां मिलते हैं,वही एक जाम मिलेगा। बोलती लबों दो नजर में जुनून तमाम मिलेगा,दिलों में न कोई कहर भरे अब … Read more

तन्हा मन

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************************* अकेलेपन में उभरती भीड़ शोर गुल,साँस लेने साँस ढूंढते पकड़तेफुर्सत भरे पल पँछी बन उड़े थे,खड़ी आज झलक में झलकतेफुर्सत पँछी है दाने चुगतेlनहीं चाहिए फुर्सत अकेलेपन के बदले,शोर ऑफिस घर-बच्चे रिश्ते कहाँ गएउम्र का पड़ाव व्यस्तता मांगता,देखे तन्हाई के फन निकलतेबेदर्द सूनेपन को डसतेlमन्नत दुआ प्रार्थनाएं सभी पूरे हुए,शर्त उदास आँखों की … Read more

बेटी हूँ तो क्या हुआ…

ममता बैरागी धार(मध्यप्रदेश) ****************************************************************** और मैं जी गई, खुशियां ढेरों मुझसे समाई गमों से दूर हो आई। अपने मुकद्दर को खुद मैं लिखती आई, और मैं जी गई। मुसीबत में ना घबराई, तनिक भी ना अकुलाई। सारे जमाने के अंदर, कली बन कर मुस्कुराई और मैं जी गई। लता कोमल बनकर आई, सहारे से तन … Read more